प्राइवेट स्कूलों में नया सत्र शुरू हुए
एक महीना बीत चुका है लेकिन अभी भी प्रशासन स्कूलों को एडमिशन करने का दबाव बना रहा
है। हाल ही में शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के बीच हुई बैठक में यह निर्णय लिया
गया है कि एडमिशन संबंधी पेरेंट्स की शिकायत आने पर स्कूल को एडमिशन देने के लिए
कहा जाएगा।
फिर भी अगर स्कूलों ने एडमिशन देने में आनाकानी की तो उच्च अधिकारी सख्ती से पेश आएंगे और उस स्कूल पर कार्रवाई होगी।
प्रशासन बार बार कह रहा है कि राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत इकॉनोमिकली वीकर सेक्शन के 25 प्रतिशत कोटे में 90 प्रतिशत सीटें खाली हैं। वहीं प्राइवेट स्कूलों का कहना है कि कोटे में एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स ही नहीं आए तो उन्होंने नया सत्र शुरू होते ही कोटे की सीटें जनरल में बदल दीं। ताकि खाली सीटों का खामियाजा स्कूलों न भुगतना पड़े। इंडिपेंडेंट प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट एचएस मामिक ने बताया कि विभाग को कोटे की सीटों की स्थिति बीते सप्ताह बता दी गई थी। ये भी बता दिया गया था कि कोटे की सीटें जनरल को दे दी गई हैं। वहीं शिक्षा विभाग ने कहा है कि अगर किसी बच्चे को दाखिला नहीं दिया जा रहा है तो वे जिला शिक्षा अधिकारी रामकुमार से सेक्टर 19 में लिखित शिकायत कर सकते हैं।
फिर भी अगर स्कूलों ने एडमिशन देने में आनाकानी की तो उच्च अधिकारी सख्ती से पेश आएंगे और उस स्कूल पर कार्रवाई होगी।
प्रशासन बार बार कह रहा है कि राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत इकॉनोमिकली वीकर सेक्शन के 25 प्रतिशत कोटे में 90 प्रतिशत सीटें खाली हैं। वहीं प्राइवेट स्कूलों का कहना है कि कोटे में एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स ही नहीं आए तो उन्होंने नया सत्र शुरू होते ही कोटे की सीटें जनरल में बदल दीं। ताकि खाली सीटों का खामियाजा स्कूलों न भुगतना पड़े। इंडिपेंडेंट प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट एचएस मामिक ने बताया कि विभाग को कोटे की सीटों की स्थिति बीते सप्ताह बता दी गई थी। ये भी बता दिया गया था कि कोटे की सीटें जनरल को दे दी गई हैं। वहीं शिक्षा विभाग ने कहा है कि अगर किसी बच्चे को दाखिला नहीं दिया जा रहा है तो वे जिला शिक्षा अधिकारी रामकुमार से सेक्टर 19 में लिखित शिकायत कर सकते हैं।