प्राइवेट स्कूलों की शीघ्र ही बल्ले बल्ले होने वाली है। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड दसवीं कक्षा के अंतिम सेमेस्टर में गांवों में स्थिति इन निजी विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाने पर विचार कर रहा है। यह मुद्दा 21 मई को चंडीगढ़ में प्रस्तावित बैठक में रखा जाएगा, जिस पर बोर्ड की मुहर लगनी लगभग तय है। सूत्र बताते हैं कि बोर्ड प्रशासन परीक्षा केंद्रों के गठन की नीति में बदलाव करने जा रहा है। इसके तहत जिन गांवों में पहले से परीक्षा केंद्र सरकारी स्कूलों में बनाए जाते थे, उन गांवों के निजी स्कूलों को भी परीक्षा केंद्र बनाए जाने पर विचार किया जा रहा है। इसके साथ ही यह भी प्रस्ताव है कि निजी स्कूलों की बिल्डिंग इस्तेमाल की जाएगी और उन स्कूलों के बच्चे दूसरे परीक्षा केंद्र में परीक्षा देंगे। हालांकि इन स्कूलों के बच्चों को दूसरे क्षेत्रों में नहीं जाना होगा। उन्हें आस-पास के ही परीक्षा केंद्रों में बैठने की सुविधा होगी। लेकिन अभी तक बोर्ड के नियमानुसार यह सुविधा
नहीं है। वर्तमान में शिक्षा बोर्ड प्रशासन गांवों में स्थित निजी स्कूल के भवनों को परीक्षा केंद्र नहीं बना रहा है। नियमानुसार निजी स्कूलों के बच्चों को ब्लाक मुख्यालय, उपमंडल मुख्यालय व जिला मुख्यालयों पर परीक्षा देनी पड़ रही है। बोर्ड अधिकारियों का मानना था कि निजी स्कूलों के भवनों को परीक्षा केंद्र बनाए जाने से नकल की प्रवृति बढ़ेगी। लेकिन अब बोर्ड अधिकारियों की यह सोच बदली है और उन्होंने निजी स्कूलों के प्रति अपना रुख नरम कर लिया है। गौरतलब है कि शिक्षा बोर्ड प्रशासन दसवीं कक्षा में प्रथम सेमेस्टर को स्कूल स्तर पर ही आयोजित करने का विचार पहले ही कर चुका है और यह मुददा भी 21 मई की बोर्ड निदेशकों की बैठक में रखने जा रहा है। अब दूसरे सेमेस्टर के परीक्षा केंद्रों के गठन को लेकर भी नया विचार इस बैठक का एजेंडा बन गया है। इस बारे में शिक्षा बोर्ड के सचिव डी के बेहरा से बात की गई तो उन्होंने पुष्टि करते हुए कहा कि इस मुददे को बैठक में रखा जा रहा है। अपने ही स्कूल की निगरानी करेगा पर्यवेक्षक स्टाफ: परीक्षा केंद्रों की निगरानी के लिए गठित होने वाले पर्यवेक्षक स्टाफ को अब बाहर भेजने की बजाए उसी स्कूल में ही तैनात रखने का विचार किया जा रहा है। यह मुददा भी 21 मई को होने वाली बोर्ड निदेशकों की बैठक में रखा जाएगा।
नहीं है। वर्तमान में शिक्षा बोर्ड प्रशासन गांवों में स्थित निजी स्कूल के भवनों को परीक्षा केंद्र नहीं बना रहा है। नियमानुसार निजी स्कूलों के बच्चों को ब्लाक मुख्यालय, उपमंडल मुख्यालय व जिला मुख्यालयों पर परीक्षा देनी पड़ रही है। बोर्ड अधिकारियों का मानना था कि निजी स्कूलों के भवनों को परीक्षा केंद्र बनाए जाने से नकल की प्रवृति बढ़ेगी। लेकिन अब बोर्ड अधिकारियों की यह सोच बदली है और उन्होंने निजी स्कूलों के प्रति अपना रुख नरम कर लिया है। गौरतलब है कि शिक्षा बोर्ड प्रशासन दसवीं कक्षा में प्रथम सेमेस्टर को स्कूल स्तर पर ही आयोजित करने का विचार पहले ही कर चुका है और यह मुददा भी 21 मई की बोर्ड निदेशकों की बैठक में रखने जा रहा है। अब दूसरे सेमेस्टर के परीक्षा केंद्रों के गठन को लेकर भी नया विचार इस बैठक का एजेंडा बन गया है। इस बारे में शिक्षा बोर्ड के सचिव डी के बेहरा से बात की गई तो उन्होंने पुष्टि करते हुए कहा कि इस मुददे को बैठक में रखा जा रहा है। अपने ही स्कूल की निगरानी करेगा पर्यवेक्षक स्टाफ: परीक्षा केंद्रों की निगरानी के लिए गठित होने वाले पर्यवेक्षक स्टाफ को अब बाहर भेजने की बजाए उसी स्कूल में ही तैनात रखने का विचार किया जा रहा है। यह मुददा भी 21 मई को होने वाली बोर्ड निदेशकों की बैठक में रखा जाएगा।