Wednesday, May 2, 2012

गले की फांस बनी शिक्षा नियमावली


मुख्यमंत्री ने बदले दो नियम, अब भर्ती नियमित, गर्भवती महिलाओं को भी राहत, 1652 हेडमास्टरों के पद रिक्त, दो सौ प्रिंसिपल चाहिए, हिंदी के लिए प्रभाकर,संस्कृत को शास्त्री व पंजाबी के लिए ज्ञानी की डिग्री को महत्व नहीं देने पर विवाद, अफसरों के नियमों से मची खलबली, सवा लाख पात्र अध्यापक भी आर-पार की लड़ाई को तैयार 
राज्य शिक्षा विभाग में नए सत्र के शुरुआत से उभरा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। शिक्षा विभाग के अफसरों की नई नियमावली ने यह बवाल खड़ा किया है। बढ़ा विवाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के दरबार में पहुंचा तो उन्होंने अब मामला अपने हाथ में लेकर जनहित में बदलाव प्रारंभ किया है। मुख्यमंत्री ने नियमों में बदलाव करते हुए कहा कि अब अनुबंध के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होगी, सीधे नियमित किए जाएंगे। बता दें कि इससे पहले 15 हजार शिक्षकों की अनुबंध के आधार पर भर्ती की बात कही गई थी। इसके अलावा 12 सप्ताह की गर्भवती को ड्यूटी ज्वाइन करने से रोकने का नियम भी मुख्यमंत्री ने संशोधित कर दिया है। शिक्षिका के तौर पर ऐसी महिलाओं को ड्यूटी ज्वाइन पर कोई पाबंदी नहीं होगी। ऐसे में नियम बदलने के बाद राज्य में युवाओं को बड़ी राहत मिलेगी। इनके अलावा भी पहली से बारहवीं तक सरकारी स्कूलों में कई मुद्दों को लेकर बड़ा विवाद चल रहा है। पता चला है कि मुख्यमंत्री ने इन मामलो की संपूर्ण फाइलें तलब की हैं। दो बड़े विवाद निपटाने के बाद वे अन्य जरूरी मुद्दों पर भी विचार कर रहे हैं।

गर्भवती के मामले में नियम हटाया

मुख्यमंत्री हुड्डा ने हरियाणा शिक्षा नियम की अधिसूचना के उस खंड को हटाए जाने को भी स्वीकृति प्रदान की है, जिसके तहत 12 सप्ताह से अधिक की गर्भवती शिक्षिकाओं पर डयूटी ज्वाइन करने पर रोक थी। अब, शिक्षिका के तौर पर सेवा में आने के लिए गर्भवती महिलाओं पर ऐसी कोई पाबंदी नहीं होगी।

शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने बताया कि मंगलवार को सीएम हुड्डा ने प्रदेश में शिक्षकों की नियुक्ति अनुबंध आधार के बजाय नियमित आधार पर किए जाने को स्वीकृति प्रदान की है। उन्होंने कहा कि मुख्य मंत्री ने इस संबंध में हरियाणा शिक्षा नियम को संशोधित किए जाने को भी अनुमोदित किया है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही लगभग 15,000 शिक्षकों की नियुक्ति नियमित आधार पर होगी ।