पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए निजी स्कूलों में फीस वृद्धि पर रोक लगा दी। जस्टिस एसके मित्तल की खंडपीठ ने इस संबंध में दायर तीन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है। सभी स्कूलों को फीस वृद्धि करने से पहले अपने संबंधित बोर्ड से मंजूरी लेनी होगी। कोर्ट ने सीबीएसई, आइसीएससी एवं पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड से जवाब-तलब किया है कि वह बताएं कि उनसे संबद्ध सभी स्कूलों में क्या आर्थिक
रूप से पिछड़े 25 प्रतिशत बच्चों को दाखिला मिल रहा है? साथ ही कोर्ट ने सभी स्कूलों को पिछले 5 वर्ष के लाभ और नुकसान की स्टेटमेंट संबंधित बोर्ड में जमा कराने का निर्देश दिया है। अदालत ने सभी बोर्डो को यह निर्देश भी दिया है कि वे तय करें कि स्कूलों में एनसीईआरटी द्वारा निर्धारित पुस्तकों के सिवाय कोई अन्य पुस्तक तो नहीं पढ़ाई जा रही। तीन याचिकाओं में से एक याचिका मलेरकोटला के प्रणव गोयल द्वारा दायर की गई है
रूप से पिछड़े 25 प्रतिशत बच्चों को दाखिला मिल रहा है? साथ ही कोर्ट ने सभी स्कूलों को पिछले 5 वर्ष के लाभ और नुकसान की स्टेटमेंट संबंधित बोर्ड में जमा कराने का निर्देश दिया है। अदालत ने सभी बोर्डो को यह निर्देश भी दिया है कि वे तय करें कि स्कूलों में एनसीईआरटी द्वारा निर्धारित पुस्तकों के सिवाय कोई अन्य पुस्तक तो नहीं पढ़ाई जा रही। तीन याचिकाओं में से एक याचिका मलेरकोटला के प्रणव गोयल द्वारा दायर की गई है