Sunday, June 10, 2012

कानपुर की राह पर बढ़ता दिख रहा दिल्ली आईआईटी एक प्रवेश परीक्षा पर आईआईटी दो फाड़


 मानव संसाधन विकास मंत्रालय के इंजीनियरिंग के लिए एक देश एक परीक्षा के फैसले पर आईआईटी अब दो फाड़ नजर आ रहे हैं। कानपुर आईआईटी के अपना अलग एंट्रेंस कराने के फैसले के बाद अब आईआईटी दिल्ली भी उसी राह पर आगे बढ़ती दिख रही है। वहीं, आईआईटी गुवाहाटी और खड़गपुर ने कानपुर आईआईटी के फैसले को खारिज करते हुए केंद्र के प्रस्ताव को सही बताया है।
कानपुर आईआईटी सीनेट के सिंगल प्रवेश परीक्षा का बहिष्कार किए जाने के फैसले के बाद अब इस मुद्दे पर आईआईटी दिल्ली में भी विरोध मुखर हो गया है। आईआईटी दिल्ली सीनेट के कई सदस्यों ने 2013 से प्रस्तावित जेईई परीक्षा के मुद्दे पर सीनेट की विशेष बैठक बुलाने के लिए निदेशक को लिखित अनुरोध भेज दिया है। इस बैठक में कानपुर की तर्ज पर काउंसिल द्वारा प्रस्तावित सिंगल प्रवेश परीक्षा का बहिष्कार किए जाने का प्रस्ताव भी लाए जाने की तैयारी है। आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर संजीव संघी ने कहा कि निदेशक शहर से बाहर हैं उनके लौटने के बाद ही सीनेट की बैठक की तिथि तय होगी। सीनेट का क्या फैसला होगा यह बैठक के बाद ही पता चलेगा लेकिन सदस्य कानपुर आईआईटी के साथ मिलकर अलग से प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की मांग रख सकते हैं। दिल्ली आईआईटी एल्मुनी के अध्यक्ष सोमनाथ भारती ने कहा कि सिंगल प्रवेश परीक्षा के आयोजन तथा मूल्यांकन में सीबीएसई को विशेष महत्व दिया जाना आईआईटी की स्वायत्तता और गुणवत्ता के लिए ठीक नहीं है। आईआईटी दिल्ली के निदेशक आरके शेवगांवकर ने अमर उजाला से कहा कि अभी सीनेट की बैठक की तारीख और एजेंडा तय नहीं है।
उन्होंने कहा कि प्रवेश परीक्षा के मुद्दे पर दो मई को सीनेट की बैठक में जो तीन प्रमुख मांगे सदस्यों ने रखी थीं, सरकार ने उनमें से दो मांगे मान ली हैं। उम्मीद है कि सीनेट अब इस मुद्दे को ज्यादा तूल नहीं देगी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव आरडी सहाय ने कानपुर आईआईटी सीनेट के फैसले के बारे में पूछे जाने पर कहा कि सीनेट बैठक में हुए फैसलों की जानकारी मिलने के बाद ही हम इस पर कुछ कहेंगे। मीडिया में छपी खबरों के आधार पर हम कुछ टिप्पणी नहीं कर सकते हैं