राज्यों की पुलिस में सिपाही पद पर भरती करने में पारदर्शिता बरती जाए। यह सलाह केंद्र सरकार ने पंजाब, हरियाणा समेत सभी राज्यों को पत्र के जरिए दी है। इस पर कार्रवाई करते हुए हरियाणा सरकार पहली बार पुलिस रिक्रूटमेंट बोर्ड गठित करने जा रही है। पारदर्शिता बरतने के लिए हरियाणा में पहली बार लिखित परीक्षा भी हो सकती है।
हरियाणा सरकार ने 2007 में पुलिस एक्ट भी बनाया था, जिसे अधिसूचना के दिन 2 जून 2008 को लागू भी कर दिया था। इस एक्ट में प्रावधान किया गया था कि सिपाही से लेकर राजपत्रित या गैर राजपत्रित अधिकारी तक की सीधी भरती राज्य स्तरीय पुलिस रिक्रूटमेंट बोर्ड या जिला स्तरीय बोर्ड के माध्यम से की जाएगी। एक्ट के चार साल लागू होने के बावजूद यह बोर्ड अब तक गठित नहीं किया गया। अब राज्य सरकार ने सैद्धांतिक फैसला कर लिया है। वहीं पुलिस महानिदेशक रंजीव दलाल ने भी सरकार से आग्रह किया है कि राज्य पुलिस में खाली 10500 पदों पर सिपाही की भरती की इजाजत दी जाए।
राज्य सरकार सोच रही है कि यह इजाजत देने के साथ ही पुलिस भरती बोर्ड का गठन कर दिया जाए ताकि यह भरती बोर्ड के माध्यम से ही हो। जिलों में बोर्ड की मदद के लिए कुछ कमेटियां बनाई जा सकती हैं, लेकिन अंतिम फैसला बोर्ड का होगा। लिखित परीक्षा के संबंध में भी अंतिम फैसला मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के स्तर पर होगा।