Saturday, June 16, 2012

निजी शिक्षा संस्थानों ने लगाया सरकार को करोड़ों का चूना

प्रदेश के हरियाणा सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त 55 पॉलिटैक्रिक शिक्षा संस्थानों जिनका संचालन विभिन्न संस्थाओं या निजी नामों से किया जाता है,उनमें एससी-बीसी और अल्प संख्यक छात्रों की छात्रवृति व मिलने वाली करोड़ों रूपए की अनुदान राशि को फर्जी दाखिले दिखाकर जालसाजी से डकारने के मामले सामने आए हैं। इस संबंध में हरियाणा तकनीकि शिक्षा विभाग के पूर्व वित्तायुक्त व सचिव संजीव कौशल द्वारा बारीकी से करवाई गई छानबीन के आधार पर हरियाणा तकनीकि शिक्षा विभाग द्वारा लिखित रूप से शिकायत सरकार के माध्यम से हरियाणा राज्य चौकसी ब्यूरो के निदेशक को भेजी गई व जांच करवाई जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए और कार्रवाही की सिफारिश की गई है।
गौरतलब है कि हरियाणा में तकनीकि शिक्षा प्रदान करने के लिए सरकारी पॉलिटैक्रिक शिक्षा संस्थानों के अलावा काफी सं या में निजी संस्थाओं और निजी नामों से संचालित शिक्षा संस्थान भी हैं। दलित, पिछड़े व अल्प संख्यक छात्रों को मिलने वाली अनुदान राशि सीधे सरकार की ओर इन शिक्षा संस्थानों को दी जाती रही। जांच में पाया गया है कि शिक्षा संस्थानों ने यह करोड़ों रूपए की अनुदान धनराशि लेकर अपने रिकार्ड में केवल फर्जी दाखिले दिखाकर धनराशि को खुद ही हड़प लिया। उन नामों से न तो कोई छात्र संस्थान में दाखिल हुआ और न ही कोई अनुदान राशि लेने आया। हरियाणा तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक द्वारा 14 फरवरी 2012 को पत्र क्रमांक 100-101-102-स्कॉलरशिप में राज्य चौकसी ब्यूरो के निदेशक को लिखा गया था कि 55 तकनीकी शिक्षा संस्थानों की सूची भेजी जा रही है। इन संस्थानों में दसवीं पास ऐसे बच्चे जो एससी छात्रवृति योजना के तहत जो धनराशि संस्थान के प्रबंधकों को रिबर्समेंट के तौर पर मिलती है, उसमें काफी संख्या में संस्थानों ने जालसाजी की है। कई संस्थानों में 80 प्रतिशत तक का घपला हुआ है। कई संस्थानों ने ट्यूशन फीस, डेवलपमेंट फंड, स्टूडेंट फंड व अन्य सुविधाएं जो सरकार द्वारा रीबंर्समेंट की जाती हैं, वह पाने के लिए रिकार्ड तैयार किया। यमुनानगर की एक समाजसेवी संस्था समाज हितकारी संगठन के प्रधान रोशनलाल का कहना है कि काफी समय से चल रही इस जांच को लगातार दबाने का प्रयास किया जा रहा है। क्योंकि जितने भी शिक्षा संस्थान हैं वे सभी सफेदपोश प्रभावशाली लोगों के हैं। उन्होंने प्रदेश के राज्यपाल जगन्नाथ पहाडिया व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मांग की है कि शिक्षा के नाम पर खोली गई ऐसी दुकानों द्वारा छात्रों के नाम पर करोडों की जालसाजी हुई है, उसे सार्वजनिक करके कार्रवाही की जाए।

0 comments

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.