Monday, June 11, 2012

अब अंक प्रतिशत अनिवार्यता पर छिड़ा विवाद

हरियाणा में नये सेवा नियम जहां सरकार व उम्मीदवारों दोनों के लिए जी का जंजाल बने हुए हैं। वहीं नीति निर्धारकों पर भी कई सवालिया निशान लग रहे हैं। हरियाणा विद्यालय शिक्षक चयन बोर्ड ने 14216 पीजीटी पदों के लिए विज्ञापन जारी कर ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं। बड़ी संख्या में पदों के विज्ञापित होने से नौकरी की आस में बल्लियों उछल रहे उम्मीदवारों को नए भर्ती नियमों से करारा झटका लगा है। दरअसल, नए नियमों के अनुसार उम्मीदवार को अन्य शैक्षणिक योग्यता के साथ साथ 10वीं, बारहवीं तथा स्नातक में से किन्हीं 2 में 50 प्रतिशत अंकों से व 1 में 45 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण होना अनिवार्य किया गया है।  अंक प्रतिशत की इस अनिवार्यता से 90 के दशक में दसवीं व बारहवीं परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। 90 के दशक में 40 से 50 प्रतिशत अंक भी मुश्किल से आते थे। नए सेवा नियमों से राजनीतिक विज्ञान के पदों के लिए पब्लिक एड. में स्नातकोत्तर उम्मीदवार भी अयोग्य हो गए हैं। जिससे बड़ी संख्या में पब्लिक एड. में स्नातकोत्तर उम्मीदवार तमाम शैक्षणिक योग्यताओं व पात्रता परीक्षा पास होने के बावजूद भर्ती में आवेदन करने से वंचित रहेंगे। नये सेवा नियमों पर टिप्पणी करते हुए पात्र अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र शर्मा ने कहा कि 4 वर्ष के अनुभव वालों को पात्रता से छूट देने के असंगत व अन्यायपूर्ण निर्णय के बाद अब शिक्षा विभाग ने अंक प्रतिशत की शर्त लगाकर बड़ी संख्या में उम्मीदवारों को भर्ती प्रक्रिया के पहले चरण में ही बाहर कर दिया है। वहीं पब्लिक एड में एमए पास उम्मीदवारों को राजनीतिक विज्ञान पदों पर योग्य न मानने का नियम भी गलत है। संघ ने मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री से मिलकर उनके समक्ष मामला रखा है। उन्होंने मांग की कि सरकार जल्द ही इन निर्णयों पर पुनर्विचार करे।

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