भिवानी परीक्षार्थियों को अब हर विषय की बजाय महत्वपूर्ण यूनिटों की ही तैयारी पर जोर देना होगा। शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने छात्रों को राहत देते हुए यूनिट के अनुसार अंक तय करने की रणनीति बनाई है। हर यूनिट के पहले से ही अंक तय होंगे। इसके तहत बोर्ड प्रशासन जल्द ही पाठ्यक्रम की बुकलेट व प्रश्न पत्र का डिजाइन भी तैयार कर रहा है। शिक्षा बोर्ड के सचिव डीके बेहरा की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक में निर्णय लिया गया है कि पाठ्यक्रम की सभी यूनिट के नंबर निर्धारित कर दिए जाएं और सिलेबस में निर्धारित नंबर प्रकाशित किए जाएं, ताकि छात्रों को तैयारी करने में आसानी रहे। इसके लिए शिक्षा बोर्ड प्रशासन जल्द ही सिलेबस की बुकलेट तैयार करा रहा है। इस बुकलेट को पूरे प्रदेश में उपलब्ध कराया जाएगा। प्रश्न पत्रों के डिजाइन तैयार कराए जाएंगे और सैंपल पेपर भी प्रकाशित कराए जाएंगे। इससे छात्रों को परीक्षाओं की तैयारी करने में आसानी रहेगी। गौरतलब है कि अभी तक सिलेबस में अंकों का निर्धारण नहीं होता है। इस कारण छात्रों को ऐसी यूनिटों की भी तैयारी करनी पड़ती है, जो महत्वपूर्ण नहीं होती हैं। अब सतत मूल्यांकन का दोहरा लाभ नहीं मिलेगा। वर्तमान में शिक्षा बोर्ड प्रशासन छात्रों को सतत मूल्यांकन का दोहरा लाभ दे रहा है। छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों के अलावा उन्हें खेलकूद के लिए अलग से 10-10 नंबर दिए जा रहे हैं। बोर्ड प्रशासन आने वाले समय में सतत मूल्यांकन के नाम पर केवल दस अंक ही देने पर विचार कर रहा है। शिक्षा बोर्ड के सचिव डी के बेहरा ने पुष्टि करते हुए कहा कि इस फैसले से साइंस के बच्चों को खास लाभ होगा। क्योंकि साइंस जैसे महत्वपूर्ण संकाय में महत्वपूर्ण यूनिटों की पहचान करने से बच्चों को काफी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को बोर्ड निदेशकों की बैठक में रखा जाएगा। इस बैठक में अंतिम फैसला होगा। उन्होंने कहा कि यह नया बदलाव छात्रों के हित को देखते हुए किया जा रहा है।
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