अब शिक्षा बोर्ड में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए सुरक्षाकर्मियों की संख्या को बढ़ाया जा रहा है। साथ ही इनका शारीरिक सौष्ठव मजबूत होगा। हाल ही में हुए आंदोलनों में सुरक्षा व्यवस्था को धता बताकर शिक्षा बोर्ड प्रांगण में प्रवेश किए जाने की घटना के बाद प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था को लेकर नए सिरे से विचार कर रहा है। सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ तीन स्थानों पर लोहे की ग्रिल के द्वार बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। सूत्र बताते हैं कि शिक्षा बोर्ड प्रशासन सुरक्षा कर्मियों की संख्या 20 से बढ़ाकर 35 करने जा रहा है। इसके साथ ही यह भी ध्यान रखा जाएगा कि सुरक्षा कर्मी शारीरिक रूप से मजबूत हों। यहां-यहां बनेंगे सुरक्षा घेरे शिक्षा बोर्ड में प्रवेश के लिए मुख्य द्वार तो पहले से ही है। अब यहां से घुसते ही बोर्ड के मुख्य भवन में घुसने से पूर्व दो
बड़े द्वार लगाए जाएंगे और उनमें लोहे के गेट होंगे। केवल शिक्षा बोर्ड के सचिव व चेयरपर्सन की गाड़ी ही इसमें प्रवेश कर सकेगी। आम आदमियों व बोर्ड कर्मचारियों के लिए इस गेट में छोटा गेट लगाया जाएगा, जिनमें से एक समय में केवल एक ही व्यक्ति घुस सकेगा। इसके बाद भवन का मुख्य द्वार है और उसे भी मजबूत कर दिया जाएगा। सचिव व चेयरपर्सन कार्यालय में सीधे आना भी आसान नहीं होगा। ई-दिशा केंद्रों की तर्ज पर कार्य करेगा एसएफसी अब ई-दिशा केंद्रों की तर्ज पर शिक्षा बोर्ड का स्टूडेंट फैसिलिटी सेंटर एक ही छत तले सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाएगा। यह सेंटर जल्द ही तैयार हो जाएगा। शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने एसएफसी (स्टूडेंट फैसिलिटी सेंटर) तैयार करवाने के लिए बिल्डिंग उपलब्ध करवा दी है। इसके तहत शिक्षा बोर्ड की सभी ब्रांचों के कार्य सिंगल विंडो में ही किए जाएंगे। इसके साथ ही बोर्ड प्रशासन भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए शिक्षा बोर्ड से संबंधित सभी कार्यो के लिए अवधि निर्धारित करने जा रहा है। निर्धारित अवधि में ही बोर्ड कर्मचारियों को उक्त कार्य करना होगा। अवधि बीतने पर संबंधित कर्मचारी को स्पष्टीकरण देना होगा। सिंगल विंडो सिस्टम को सुचारू रूप से चलाने के लिए शिक्षा बोर्ड प्रशासन हारट्रोन से हायर किए जाने वाले कर्मचारियों की डयूटी लगाई जाएगी। शिक्षा बोर्ड में अभी तक सभी कार्य विभिन्न ब्रांचों में ही जाकर करवाने पड़ते हैं। दसवीं व बारहवीं कक्षा की ब्रांच अलग-अलग हैं। इनके अलावा रि-चेकिंग, लेखा सहित विभिन्न शाखाओं के अलग-अलग कार्यालय हैं। इस बारे में शिक्षा बोर्ड के सचिव डी के बेहरा ने पुष्टि की है।
बड़े द्वार लगाए जाएंगे और उनमें लोहे के गेट होंगे। केवल शिक्षा बोर्ड के सचिव व चेयरपर्सन की गाड़ी ही इसमें प्रवेश कर सकेगी। आम आदमियों व बोर्ड कर्मचारियों के लिए इस गेट में छोटा गेट लगाया जाएगा, जिनमें से एक समय में केवल एक ही व्यक्ति घुस सकेगा। इसके बाद भवन का मुख्य द्वार है और उसे भी मजबूत कर दिया जाएगा। सचिव व चेयरपर्सन कार्यालय में सीधे आना भी आसान नहीं होगा। ई-दिशा केंद्रों की तर्ज पर कार्य करेगा एसएफसी अब ई-दिशा केंद्रों की तर्ज पर शिक्षा बोर्ड का स्टूडेंट फैसिलिटी सेंटर एक ही छत तले सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाएगा। यह सेंटर जल्द ही तैयार हो जाएगा। शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने एसएफसी (स्टूडेंट फैसिलिटी सेंटर) तैयार करवाने के लिए बिल्डिंग उपलब्ध करवा दी है। इसके तहत शिक्षा बोर्ड की सभी ब्रांचों के कार्य सिंगल विंडो में ही किए जाएंगे। इसके साथ ही बोर्ड प्रशासन भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए शिक्षा बोर्ड से संबंधित सभी कार्यो के लिए अवधि निर्धारित करने जा रहा है। निर्धारित अवधि में ही बोर्ड कर्मचारियों को उक्त कार्य करना होगा। अवधि बीतने पर संबंधित कर्मचारी को स्पष्टीकरण देना होगा। सिंगल विंडो सिस्टम को सुचारू रूप से चलाने के लिए शिक्षा बोर्ड प्रशासन हारट्रोन से हायर किए जाने वाले कर्मचारियों की डयूटी लगाई जाएगी। शिक्षा बोर्ड में अभी तक सभी कार्य विभिन्न ब्रांचों में ही जाकर करवाने पड़ते हैं। दसवीं व बारहवीं कक्षा की ब्रांच अलग-अलग हैं। इनके अलावा रि-चेकिंग, लेखा सहित विभिन्न शाखाओं के अलग-अलग कार्यालय हैं। इस बारे में शिक्षा बोर्ड के सचिव डी के बेहरा ने पुष्टि की है।
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