Monday, July 23, 2012

अंदाज से प्रतिभा का मूल्यांकन ,अध्यापकों को आंकलन के तरीके सीसीई (कंटीन्यूअस एंड कंप्रीहेंसिव इवेलुएशन) के बारे में अधिक जानकारी नहीं है।

हरियाणा सरकार ने आठवीं की परीक्षा में बोर्ड तो खत्म कर दिया, लेकिन इन बच्चों की प्रतिभा के आंकलन का तरीका कामयाब नहीं हो पाया। राज्य में पिछले शिक्षा सत्र में इन बच्चों की काबलियत का आंकलन अंदाजे से कर दिया गया, जबकि इस सत्र में भी अध्यापकों को आंकलन के इस तरीके सीसीई (कंटीन्यूअस एंड कंप्रीहेंसिव इवेलुएशन) के बारे में अधिक जानकारी नहीं है।
शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत राज्य में बच्चों को एक से कक्षा आठ तक फेल करने का प्रावधान नहीं है। न ही इन बच्चों का नाम काटा जा सकता है। लिहाजा आठवीं का बोर्ड खत्म कर दिया गया और बच्चों की प्रतिभा के आंकलन के लिए सीसीई शुरू किया गया। आज भी हरियाणा में अध्यापकों को यह नहीं पता है कि असल मायने में छात्रों की प्रतिभा का मूल्यांकन कैसे होगा। 



क्यों कारगर नहीं साबित हुआ सीसीई 

इस कार्यक्रम को लेकर हरियाणा में अध्यापकों की टे्रनिंग सही ढंग से नहीं हुई। करोड़ों रुपया टीचरों की ट्रेनिंग पर खत्म हो गया, लेकिन नतीजा नहीं निकला। इस कड़ी में सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस बार यह मूल्यांकन किस आधार पर हुआ है। ऐसे में प्रतिभावान बच्चों के साथ धोखा हुआ है।
दूसरी ओर, योजना तरीके से अमलीजामा पहनाया जाता तो शिक्षा का स्तर मजबूत होता और बच्चों की प्रतिभा को सही दिशा मिलती। शिक्षा स्तर को लेकर बेश्क सरकार ने प्रयास किया है, लेकिन जो कुछ खामियों के कारण सिरे नहीं चढ़ रहा है। अध्यापकों की माने तो उन्हें सही समय पर जानकारी संबंधी बुकलेट ही नहीं मिल पा रही है।


क्या है सीसीई


 बच्चों की पाठय क्रियाओं के साथ सह पाठय क्रियाओं का भी पूरा मूल्यांकन किया जाना था।

ञ्च मैनडेटरी था कि बच्चों की अन्य गतिविधियों खेलकूद, लेखन, कविता पाठ आदि को मान्यता दी जाए।

क्या हो रही हैं मुश्किलें

॥इस तरह से हो रहे मूल्यांकन से शिक्षा की गुणवत्ता में कमी आ रही है

॥अध्यापकों की क्वाालिटी एजुकेशन को लेकर जवाबदेही सीमित हो गई है

॥अगर अभी मूल्यांकन ढंग से नहीं होगा तो बच्चे आगे की पढ़ाई में लापरवाह हो जाएंगे।

॥शिक्षकों को समय पर बुकलेट (प्रोफार्मा) उपलब्ध न होने के कारण जानकारी का अभाव है, जिससे कार्यप्रणाली ढीली पढ़ रही है।

इसके एज्जीक्ूयशन मेें इसलिए दिक्कत आई है क्योंकि अध्यापकों की ट्रेनिंग ठीक से नहीं हो पाई थी। इस बार जो सालाना २० दिन की ट्रेनिंग होती है उसमें हमने सिर्फ सीसीई के बारे में बताया है। इस बार के मूल्यांकन में अध्यापकों को दिक्कत नहीं होगी।ञ्जञ्ज पंकज यादव निदेशक, हरियाणा सर्व शिक्षा अभियान

सरकार सही तरीके से इसे लागू नहीं कर पाई है। जो बुकलेट (प्रोफार्मा) बनाया है वह टाइम से नहीं पहुंचता है। पिछले सत्र में यह बुकलेट मार्च में पहुंची है, जिससे उसकी वैल्यू नहीं रही। इस बार भी अभी तक नहीं पहुंची है। अगर सरकार की योजना को उचित रूपरेखा मिलती है तो इससे शिक्षकों का सही मार्गदर्शन करने में मदद मिलेगी।ञ्जञ्ज कूलभूषण शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष, हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ 

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