हरियाणा सरकार ने प्रदेश में गैर-सरकारी संगठनों द्वारा संचालित सभी बाल संरक्षण संस्थानों में रह रहे सभी बच्चों के लिए असौपचारिक शिक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ हर बच्चे का व्यक्तिगत स्वास्थ्य कार्ड तैयार करने का निर्णय लिया है ताकि उनके स्वास्थ्य की नियमित आधार पर जांच की जा सके । हरियाणा के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा राष्टï्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सिफारिशों के आधार पर राज्य के विभिन्न विभागों द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा करने के लिए मुख्य सचिव पीके चौधरी की अध्यक्षता में आज यहां बुलाई गई एक बैठक में यह जानकारी दी गई। मुख्य सचिव ने महिला एवं बाल विभाग द्वारा प्रदेश में सभी बाल संरक्षण संस्थानों के विस्तृत सर्वेक्षण, निरीक्षण एवं पंजीकरण के लिए उठाए गए कदमों और इस संबंध में जिलों को जारी किए गए व्यापक दिशानिर्देशों की सराहना की। बैठक में मुख्य सचिव को बताया गया कि प्रदेश में 105 बाल संरक्षण संस्थान हैं जिनमें से 84 ने पंजीकरण के लिए आवेदन किया है और शेष संस्थानों को पंजीकरण करवाने के लिए प्रेरित करने के व्यक्तिगत रूप से सम्पर्क किया जा रहा है। मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग को एक महीने के भीतर बाल संरक्षण संस्थानों में रह रहे सभी बच्चों के व्यक्तिगत स्वास्थ्य कार्ड तैयार एवं जारी करने के निर्देश दिए ताकि बच्चों के स्वास्थ्य की नियमित आधार पर जांच की जा सके और आवश्यकता होने पर उन्हेें विशेष स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जा सकें। इसके अतिरिक्त, शिक्षा विभाग को भी सभी बच्चों की औपचारिक शिक्षा सुनिश्चित करने को निर्देश दिए गए। उन्होंने बाल संरक्षण संस्थानों में बच्चों को उपलब्ध करवाई जा रही सुविधाओं में स्थानीय समुदाय के सहयोग से और सुधार करने पर भी बल दिया। बैठक में स्वास्थ्य प्रधान सचिव नवराज संधू, महिला एवं बाल विकास की प्रधान सचिव धीरा खंडेलवाल, महिला एवं बाल विकास विभाग की महानिदेशक सुमिता मिश्रा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एमएस मान तथा स्कूल शिक्षा के महानिदेशक ए श्रीनिवास के अतिरिक्त अनेक वरिष्ठï आधिकारी भी उपस्थित थे।
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