राजकीय विद्यालयों के रखरखाव से लेकर शैक्षणिक गतिविधियों तक में लापरवाही बरतने वाले स्कूल मुखिया और शिक्षकों पर विभाग की गाज गिर सकती है। शिक्षा विभाग ने अब उच्च स्तर पर विद्यालयों के निरीक्षण की योजना तैयार की है। इस योजना के तहत राजकीय विद्यालयों में निदेशालय के उच्च अधिकारी के नेतृत्व में गठित टीम विद्यालयों का निरीक्षण करेगी ताकि निदेशालय को विद्यालयों की सही स्थिति की जानकारी हो सके।
आधिकारिक सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार संयुक्त निदेशक के नेतृत्व में निदेशालय की टीम जिले के राजकीय विद्यालयों का निरीक्षण करने के लिए जल्द ही जिले में पहुंचने वाली है। निदेशालय द्वारा प्रदेश के सभी जिलों के कुछ चुनिंदा विद्यालयों के निरीक्षण किया जाएगा। इन विद्यालयों के रखरखाव के सम्बंध में जितनी भी ग्रांट जारी हुई है उसका कितना प्रयोग हुआ है। क्या ग्रांट का प्रयोग नियमानुसार सहीं किया गया है। शैक्षणिक कार्य निरंतर नियमानुसार अनुशासनात्मक तरीके से चले रहे है। इसका पूरा ब्यौरा स्कूल मुखिया से लिया जाएगा। इसके अलावा स्कूल संबंधित सभी कार्य का पूरा ब्यौरा दिया लिया जाएगा। यदि निरीक्षण करने के लिए विद्यालय में गई टीम को खामियां पाई गई तो विद्यालय के मुखिया व कार्य से संबंधित शिक्षक व कर्मचारियों के खिलाफ लापरवाही बरतने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। यह कार्य प्रदेश के भिवानी रेवाड़ी व अन्य कई जिलों में तो शुरू भी कर दिया गया है।
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