सर्व शिक्षा अभियान के तहत लगे पुस्तक मेले से राजकीय विद्यालयों के लिए विद्यार्थियों द्वारा खरीदी गई किताबों में गड़बड़ी के अंदेशे के कारण निदेशालय से आए अधिकारी ने जांच शुरु कर दी। सलाहकार सतपाल कौशिक ने शुक्रवार को एसएसए कार्यालय पहुंच कर विद्यार्थियों व स्कूल मुखिया से पुस्तक खरीद की पारदर्शिता के बारे में पूछताछ की। करीब दो घंटे से अधिक समय तक चली पूछताछ के बाद जांच रिपोर्ट तैयार कर वापस लौट गए।यहां यह बता दे कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत फरवरी 2012 में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में
पुस्तक मेला आयोजित किया गया था। इस मेले में राजकीय विद्यालयों में विद्यार्थियों की रुचि की ज्ञानवर्द्धन किताबें उपलब्ध करवाने के लिए पुस्तक मेला का आयोजन किया गया। पुस्तक मेले में विद्यालयों को पुस्तके
खरीदने के लिए एसएसए द्वारा राशि निर्धारित की गई। इसी राशि का प्रयोग कर स्कूल द्वारा चयनित विद्यार्थियों द्वारा किताबें खरीदने का मौका दिया गया था। लेकिन किताब खरीदने के मामले में गड़बड़ी की आशंका के चलते निदेशालय द्वारा जांच के आदेश दिए गए है। एसएसए के वरिष्ठ अधिकारी सतपाल कौशिक ने जिले के पांच स्कूलों के विद्यार्थियों और स्कूल मुखिया को बुलाकर उनसे पूछताछ की। उन्होंने एक एक विद्यार्थी से पूछा की उनके द्वारा जो किताबें खरीदी गई वो किताबें उन्होंने बिना किसी दबाव में खरीदी या किसी के दबाव में आकर खरीदी है। उनके साथ किताबें खरीदते समय कोई शिक्षक था या नहीं। इसके अलावा बाहर के किसी व्यक्ति ने उन्हें किताबें खरीदने के लिए दबाव बनाया या नहीं सहित अन्य कई सवाल पूछे। इस अवसर पर एबीआरसी अनिल पांडे सहित एसएसए स्टाफ मौजूद था।
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