अतिथि अध्यापकों का पिछला कार्यकाल 31 मार्च को समाप्त होने व समयावधि में बढ़ोतरी का शिक्षा निदेशालय का पत्र न पहुंचने से कई स्कूल मुखियाओं ने अतिथि अध्यापकों की हाजिरी लगाने से साफ इंकार कर दिया। गेस्ट टीचरों को बिना हाजिरी दर्ज कराए ही 1 से 10 अप्रैल तक का समय स्कूल में बिताना पड़ा है। इससे वे भविष्य को लेकर चिंतित हैं। प्रदेश सरकार द्वारा राजकीय विद्यालयों में कार्यरत अतिथि अध्यापकों के कार्यकाल पर 31 मार्च को 328 दिन के लिए बढ़ाया था। सुप्रीम कोर्ट से प्रदेश सरकार को समयसीमा मिलने के बाद अतिथि अध्यापकों को खुशी का ठिकाना नहीं रहा और रही सही कसर प्रदेश सरकार ने उनको पात्रता परीक्षा में छूट ने कर दी थी। अब उनकी यह खुशी काफूर होती दिख रही है। प्रदेश के शिक्षा निदेशालय द्वारा बढ़ी हुई समय सीमा का पत्र किसी स्कूल में नहीं पहुंचा और मजबूरन प्राचार्यो व स्कूल मुखियाओं ने उनकी उपस्थिति पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है। अतिथि अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश मुंढाल ने कहा कि कुछ स्कूलों में ऐसी शिकायतें आई हैं। संघ ने अधिकारियों से बात की तो पता चला कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कॉपी न मिलने से पत्र जारी करने में देरी हुई। इन स्कूलों में जल्द हाजिरी लगवाने का उन्होंने भरोसा दिलाया है।
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