पात्र अध्यापक संघ के सदस्यों ने शिक्षक भर्ती के लिए सरकार द्वारा जारी किए गए नए सर्कुलर के विरोध में रविवार को शहर में रोष प्रदर्शन किया। मंडल स्तरीय प्रदर्शन में सिरसा, फतेहाबाद, जींद, भिवानी और हिसार से सैकड़ों पात्र अध्यापकों ने भाग लिया। उन्होंने मधुबन पार्क से पात्रता प्रमाण पत्रों की शव यात्रा निकालकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। फव्वारा चौक पहुंच कर मूल प्रमाण पत्रों को प्रतियों सहित फूंक कर विरोध प्रकट किया।
प्रमाण पत्रों की शव यात्रा को कंधा पात्र अध्यापक संघ की महिला प्रदेशाध्यक्ष अर्चना सुहासिनी सहित अन्य महिला पात्र अध्यापकों ने दिया। इससे पहले पात्र अध्यापक मधुबन पार्क में एकत्रित हुए।
संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2008 में प्रदेश में शिक्षक भर्ती के लिए पात्रता परीक्षा लागू की थी। पात्रता परीक्षा लागू करने वाले मुख्यमंत्री ने अब स्वयं चार साल के अनुभव वाले शिक्षकों को बिना पात्रता परीक्षा पास किए भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने का नियम लागू किया है। यह न केवल नियमों के खिलाफ है, साथ ही ऐसा करना पात्र अध्यापकों के साथ भी धोखा है।
एक मई को रोहतक में प्रदर्शन की चेतावनी
महिला विंग की प्रदेशाध्यक्ष अर्चना सुहासिनी ने कहा कि प्रदेश में करीब एक लाख पात्र अध्यापक नौकरी का इंतजार कर रहे हैं। सरकार का यह कर्तव्य बनता है कि ऐसे पात्र अध्यापकों को उनका हक देना चाहिए। सरकार अब चार वर्ष के अनुभव वाले शिक्षकों को भी मौका देने की बात कह रही है। इसे पात्र अध्यापक किसी भी सूरत में सहन नहीं करेंगे। पात्र अध्यापकों की आवाज को सरकार कुचल नहीं सकती।
उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार के इस फैसले के खिलाफ एक मई को मजदूर दिवस पर रोहतक में आत्मदाह किया जाएगा। इस अवसर पर पात्र अध्यापक संघ हिसार के जिला प्रधान पवन चमार खेड़ा, फतेहाबाद के प्रधान बिजेंद्र लहरिया, सिरसा के प्रधान नानकचंद, जींद के प्रधान सुनील ढिल्लों, महिला नेता सुनीता, सुनीता कुंडू व आरती टोहाना के अलावा सैकड़ों पात्र अध्यापक उपस्थित थे।
पात्र अध्यापकों ने फव्वारा चौक पर प्रमाण पत्रों की अर्थी रखी और सरकार की नीतियों के खिलाफ स्यापा पाया। इनसेट : प्रमाण पत्रों को फूंकते पात्र अध्यापक। |
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