Monday, April 16, 2012

आरटीई का बोझ छात्रों पर नहीं डाला जाएगा : सिब्बल

शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) लागू होने से स्कूलों पर पडऩे वाला बोझ छात्रों पर नहीं डाला जाएगा। इसकी भरपाई सरकार करेगी। एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में रविवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने यह जानकारी दी। आरटीई के तहत सभी स्कूलों को 25 प्रतिशत गरीब बच्चों को एडमिशन देना अनिवार्य हो गया है। ऐसे छह से 14 साल तक की उम्र के छात्रों को नि:शुल्क शिक्षा देने का प्रावधान है। सिब्बल ने कहा, 'स्कूलों को अपने संसाधन बढ़ाने चाहिए। वे कॉर्पोरेट्स घरानों से जुड़कर आर्थिक मदद ले सकते हैं। इन घरानों के पास सामाजिक जिम्मेदारी निभाने के लिए अलग से फंड रहता है।' 
उन्होंने कहा कि आठवीं कक्षा के बाद आरटीई के प्रावधानों की अनिवार्यता नहीं रहेगी। लेकिन सरकार तब भी यह सुनिश्चित करेगी कि कमजोर तबके के बच्चों को शिक्षा जारी रहे। 

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