पिछले एक वर्ष से मनचाहे स्थान पर अपने तबादले की मांग करते आ रहे एक शिक्षक का शिक्षा विभाग ने अब एक साल बाद तबादला तो कर दिया लेकिन विडंबना यह है कि इस शिक्षक को सेवानिवृत्त होने में अब मात्र चार दिन शेष रह गए हैं। सेवानिवृत्ति से केवल चार दिन पहले इस शिक्षक का मनचाही जगह पर तबादला कर सेवानिवृत्ति का अनोखा तोहफा दिया है।
दरअसल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के ड्राइंग टीचर जीतराम खर्ब मूल रूप से धर्मखेड़ी गांव के निवासी हैं और काफी समय से हांसी के एक स्कूल में तैनात हैं। जीतराम ने एक साल पहले शिक्षा निदेशालय से अपना तबादला धर्मखेड़ी के स्कूल में करने की मांग की थी लेकिन विभाग ने उनकी अपील को स्वीकार नहीं किया। बार-बार प्रयास करने के बावजूद भी जब जीतराम का धर्मपुरा में तबादला नहीं हुआ तो उन्होंने तबादले की उम्मीद छोड़ दी। अब जीतराम की सेवानिवृत्ति 30 अप्रैल को होनी है तथा विद्यालय के शिक्षक उन्हें भावभीनी विदाई देने के लिए समारोह आयोजित करने में लगे हुए है। इसी दौरान विभाग ने जीतराम के धर्मपुरा में तबादले के आदेश दे दिए। तबादले के आदेश की कापी देखकर एक बार तो जीतराम को विश्र्वास ही नहीं हुआ लेकिन बाद में यह कहकर संतोष व्यक्त किया कि चलो, रिटायरमेंट से चार दिन पहले ही सही लेकिन विभाग ने उनकी सुध तो ली। चार दिन बाद होने वाले सेवानिवृत्ति विदाई पार्टी को अब शिक्षकों ने बृहस्पतिवार को ही दे दी।
दरअसल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के ड्राइंग टीचर जीतराम खर्ब मूल रूप से धर्मखेड़ी गांव के निवासी हैं और काफी समय से हांसी के एक स्कूल में तैनात हैं। जीतराम ने एक साल पहले शिक्षा निदेशालय से अपना तबादला धर्मखेड़ी के स्कूल में करने की मांग की थी लेकिन विभाग ने उनकी अपील को स्वीकार नहीं किया। बार-बार प्रयास करने के बावजूद भी जब जीतराम का धर्मपुरा में तबादला नहीं हुआ तो उन्होंने तबादले की उम्मीद छोड़ दी। अब जीतराम की सेवानिवृत्ति 30 अप्रैल को होनी है तथा विद्यालय के शिक्षक उन्हें भावभीनी विदाई देने के लिए समारोह आयोजित करने में लगे हुए है। इसी दौरान विभाग ने जीतराम के धर्मपुरा में तबादले के आदेश दे दिए। तबादले के आदेश की कापी देखकर एक बार तो जीतराम को विश्र्वास ही नहीं हुआ लेकिन बाद में यह कहकर संतोष व्यक्त किया कि चलो, रिटायरमेंट से चार दिन पहले ही सही लेकिन विभाग ने उनकी सुध तो ली। चार दिन बाद होने वाले सेवानिवृत्ति विदाई पार्टी को अब शिक्षकों ने बृहस्पतिवार को ही दे दी।