केंद्र के नियमों से उलट हरियाणा सरकार द्वारा बनाए गए टीचर भरती नियमों में संशोधन हो सकता है। यह संकेत शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने सोमवार को दिए। प्रदेश सरकार ने नए नियमों में प्रावधान किया है कि टीचर भरती के लिए वे लोग भी आवेदन कर सकेंगे जिन्होंने टीचर इलेजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) पास नहीं किया है लेकिन उन्हें चार साल का टीचिंग अनुभव है। प्रदेश सरकार के इस फैसले से सवा लाख टीईटी पास युवा नाराज हैं और नियमों में बदलाव वापस लेने की मांग कर रहे हैं। अब सरकार ने आंदोलन कर रहे टेस्ट पास पात्र अध्यापक संघ को बातचीत का न्योता दिया है।
हरियाणा सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए चार साल पहले टीचर भरती के लिए स्टेट टीचर इलेजिबलिटी टेस्ट (स्टेट) पास करना अनिवार्य कर दिया था। उस समय देश के किसी भी राज्य में यह टेस्ट अनिवार्य नहीं था। लेकिन राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत केंद्र सरकार ने टीचर भरती के लिए यह टेस्ट अनिवार्य कर दिया। केंद्र की तर्ज पर पंजाब सरकार ने भी अपने यहां टेस्ट आयोजित किया, जिसे पास करने वालों को पंजाब सरकार ने टीचर भी नियुक्त कर लिया। इधर, हरियाणा सरकार ने अब टीचर भरती के लिए जो नियम बनाए हैं, उनमें इस टेस्ट की शर्त हटा ली है। नए नियम में प्रावधान किया गया है कि आवेदक को नियुक्ति के तीन साल के भीतर टेस्ट पास करना होगा।
0 comments
Post a Comment
Note: Only a member of this blog may post a comment.