Monday, May 21, 2012

गांव में एक वर्ष बिताने पर ही मिलेगी एमबीबीएस की डिग्री

 मन में डॉक्टर बनने की आकांक्षा पाले एमबीबीएस छात्रों को अब एक वर्ष तक अनिवार्य रूप से ग्रामीण इलाकों में अपनी सेवा देनी होगी, इसके बाद ही उन्हें एमबीबीएस की डिग्री मिलेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारतीय चिकित्सा परिषद (एससीआइ) को लिखे पत्र में उसके बोर्ड ऑफ गवर्नर्स से डॉक्टरों की ग्रामीण इलाकों में एक वर्ष तक तैनाती को अनिवार्य करने और इसे एमबीबीएस के पाठ्यक्रम में शामिल करने को कहा है। स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि डॉक्टरों को मंत्रालय की महात्वाकांक्षी राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ मिशन योजना से जोड़ा जाएगा ताकि गांवों में स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं में सुधार किया जा सके। एक बार इस प्रस्ताव को एमबीबीएस के पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने के बाद मेडिकल के छात्रों को साढ़े चार की पढ़ाई पूरी करने और अस्पताल में इंटर्नशिप में करने के बाद एक साल तक गांवों काम करते हुए बिताना होगा। इसके बाद ही उन्हें
एमबीबीएस की डिग्री मिल सकेगी। गांवों में सेवा के दौरान एमबीबीएस की डिग्री प्रॉवीजनल होगी। एमसीआइ के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष केके तलवार के मुताबिक, डॉक्टरों के लिए ग्रामीण पदस्थापना निकट भविष्य जल्द होगी और तौर तरीकों पर काम किया जा रहा है।