Tuesday, May 22, 2012

स्कूलों में बनाए जाएंगे हिस्ट्री क्लब

सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में इको क्लब की तर्ज पर हिस्ट्री क्लब बनेंगे। ये क्लब शहर और गांव के ऐतिहासिक महत्व वाली धरोहरों के बारे में जानकारी एकत्र करेंगे। हिस्ट्री क्लब बनाने के लिए अभिलेखागार विभाग ने शिक्षा विभाग के माध्यम से पत्र जारी करने का फैसला किया है। विभाग इससे पहले कॉलेजों को भी क्लब गठित करने संबंधी पत्र लिख चुका है। क्लब बनाने के बाद इन जानकारियों के आधार पर स्कूल प्रबंधन व अभिलेखागार विभाग द्वारा धरोहरों को संरक्षित करने पर प्रयास किए जाएंगे। साथ ही बच्चों द्वारा एकत्र की जानकारी से संबंधित दस्तावेजों को स्कूल में एक म्यूजियम बनाकर डिस्पले किया जाएगा। हिस्ट्री क्लब गांव में अपने अस्तित्व खो चुकी हवेलियों, किलों व अन्य ऐतिहासिक इमारतों के बारे में जानकारी एकत्र करेंगे। इसके अलावा यदि गांव में पुराने सिक्के, ताम्रपत्र, किताबें मौजूद हैं और उन्हें सही देखभाल नहीं मिल रही है इसकी जानकारी भी क्लब जुटाएगा। इसके अलावा उपेक्षित कुएं और बावडिय़ां को भी क्लब सर्वे में स्थान देंगे। 


जो स्टूडेंट्स अच्छी और पौराणिक धरोहरों संबंधी जानकारी संग्रहित करेगा अभिलेखागार विभाग उन्हें सम्मानित करेगा। इसके अलावा उनकी जानकारियों को सहेजकर रखा जाएगा। 

प्रोजेक्ट वर्क भी गांव के इतिहास पर आधारित 

॥ स्कूल में इतिहास के पेपर में 10 नंबर का प्रोजेक्ट वर्क होता है। हमने बच्चों को प्रोजेक्ट वर्क के लिए अपने गांव के इतिहास, गांव के दो बुजुर्गों का जीवन परिचय, नंबरदारों व सरपंचों के अलावा बच्चों के पारिवारिक जीवन परिचय पर आधारित रखा है। इससे बच्चों को अपने गांव के ऐतिहासिक महत्व के बारे में जानकारी मिलती है। प्रोजेक्ट वर्क की एक प्रति ऑफिस में रहती है ताकि भविष्य में इनकी जानकारियों से लाभ उठाया जा सके।ञ्जञ्ज 

राजकुमार श्योराण. लेक्चरर हिस्ट्री. सीनियर सेकंडरी स्कूल मंगाली। 

योजना 

प्राइवेट स्कूलों को भी योजना से जोड़ा जाएगा 

॥ प्रारंभिक स्तर पर सरकारी स्कूलों के प्रबंधन को पत्र लिखा जाएगा। इसके बाद प्राइवेट स्कूलों को भी क्लब बनाने के लिए लिखा जाएगा। इसका मकसद बच्चों का शहरी और ग्रामीण पृष्ठभूमि और इतिहास से रूबरू कराना है। इससे नई पीढ़ी वजूद खो रही धरोहरों को बचाने के लिए आगे आएगी