Wednesday, May 23, 2012

फर्जी दाखिलों की पोल खोलेगा सर्वे

सरकारी स्कूलों में फर्जी एडमिशन दिखाने वालों अध्यापकों पर अब अंकुश लग सकेगा। विभाग ने इस फर्जीवाड़े को रोकने के लिए तीन दिवसीय हाउस होल्ड सर्वे कराने जा रहा है। 
सर्वे की रिपोर्ट का मिलान स्कूलों द्वारा दर्शाई छात्र संख्या से किया जाएगा। इससे यह साफ हो जाएगा कि किस स्कूल में कितने बच्चों का एडमिशन है। जनगणना की तर्ज पर किए जाने वाले सर्वे में घर-घर जाकर 16 साल तक के सभी बच्चों की रिपोर्ट तैयार की जाएगी।आरटीई के तहत पहली से आठवीं तक के सभी बच्चों के लिए निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान किया गया है। विभागीय सूत्रों की मानें तो इस अधिनियम के तहत किसी भी विवाद से बचने के लिए सरकारी स्कूल प्रबंधन ने फर्जी तरीके से रजिस्टर में बच्चों के नाम लिख रखे हैं। जबकि वास्तविकता में बच्चे किसी और स्कूल में पढ़ रहे होते हैं। इससे विभागीय आंकड़े गड़बड़ा रहे हैं और बच्चों को पूरी सुविधाएं नहीं मिल रही। 


चपरासी से लेकर प्रिंसिपल तक की होगी भागीदारी 

इस सर्वे में 16 साल तक के सभी बच्चों के बारे में जानकारी एकत्रित की जाएगी। इसमें स्कूलों के पियून से लेकर प्रिंसिपल तक सभी की भागीदारी होगी। इसके अलावा प्रशिक्षणार्थी डीएड और बीएड स्टूडेंट्स की भी सहायता ली जाएगी। इसके लिए विभाग ने तीन दिन का नॉन अटैंडिंग अवकाश घोषित किया है। हालांकि अभी तक इसके लिए तिथि निर्धारित नहीं की है, लेकिन इसे छुट्टियों के बाद कराया जाएगा। सर्वे में बच्चों की पारिवारिक और आर्थिक स्थिति, उनका शैक्षणिक स्तर, घर के नजदीक स्कूल और स्कूल में उपलब्ध सुविधाएं सहित अन्य डाटा तैयार किया जाएगा। 

॥ सर्वे में अभिभावकों से पूछा जाएगा कि बच्चे का एडमिशन किस स्कूल में है और अगर एडमिशन नहीं है तो क्यों नहीं है। इससे एक तरफ जहां ड्राप आउट बच्चों की वास्तविक संख्या का पता चल सकेगा, साथ ही दोहरे एडमिशन वाले छात्रों के बारे में भी पता लगाया जा सकेगा।