Thursday, May 24, 2012

स्कूल संचालकों में खलबली

शिक्षा विभाग की सख्ती के बाद अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूल संचालकों और अभिभावकों में खलबली मची है। नियमों पर खरा उतरने के लिए जारी किए गए नोटिस का शहर के कई नामी स्कूलों पर भी असर पड़ेगा। शिक्षा विभाग के सर्वे के मुताबिक अस्थाई मान्यता प्राप्त 206 स्कूलों की सूची में 80 स्कूल जिले के शहरी इलाकों के हैं। इनमें से चालीस स्कूल हिसार के हैं। 
अब तक विभाग ने इन स्कूलों को नॉम्र्स पूरा करने के लिए वर्तमान नियमों में भारी छूट दी है। लेकिन पॉश इलाकों में खुले स्कूलों में जगह और कई सुविधाओं की कमी है। ऐसे में इन स्कूलों पर विभाग तालाबंदी भी करवा सकता है। विभाग ने 2003 में स्कूल शिक्षा नियमावली के तहत स्कूलों के भवन, कमरों और खेल मैदान सहित स्कूलों में दी जाने वाली सुविधाओं के लिए विभिन्न नियम निर्धारित किए थे। लेकिन इन नियमों से ऐसे स्कूलों को छूट दी गई थी, जो 2003 से पहले संचालित किए जा रहे थे। इसके लिए इन स्कूलों को 2007 तक स्थाई मान्यता लेने के आदेश जारी किए गए थे। अस्थाई मान्यता तो ले ली, लेकिन नियमों को अभी तक पूरा नहीं किया है। 


शहर में अनाज मंडी, मिल गेट, आजाद नगर सहित विभिन्न इलाकों में अस्थाई मान्यता प्राप्त कई नामी स्कूल हैं। इन स्कूलों में आठ हजार से भी अधिक विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। इसके चलते स्कूल संचालकों के साथ साथ अभिभावकों की धड़कनें भी बढ़ गई हैं। हालांकि सरकार ने इन स्कूलों को आगामी सत्र तक राहत दे रखी है, लेकिन विभागीय प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही स्कूल संचालकों की परेशानी बढ़ गई है। 

क्या आ रही हैं दिक्कतें 

स्कूल संचालकों की मानें तो नॉम्र्स पूरा करने में सबसे अधिक परेशानी जमीन को लेकर सामने आ रही है। शहरी क्षेत्र में जमीन की कमी और प्रोपर्टी के रेटों में हुए भारी उछाल के चलते स्कूल संचालक इस स्थिति में नहीं हैं कि वे अपने स्कूल के आसपास की जमीन खरीद सकें। 

(जमीन वर्ग मीटर में) 

नोट : ये नियम केवल 2003 से पहले संचालित स्कूलों के लिए हैं। 

ये हैं नियम 

स्कूल एक मंजिल दो मंजिल 

प्राइमरी 500 350 

मिडल 800 600 

सेकंडरी 2000 1500 

सीनियर सेकंडरी 3000 2250 

नॉम्र्स में मिले छूट 

॥अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूल कई बरसों से अच्छा रिजल्ट दे रहे हैं। उन्हें नॉम्र्स पूरा करने के लिए छूट देनी चाहिए। स्कूल बंद हो गए तो इसका प्रभाव पड़ेगा। हमारी यूनियन इन स्कूलों के साथ है। इसका विरोध किया जाएगा।