Wednesday, June 13, 2012

प्रति वर्ष 10 हजार पीएचडी धारक तैयार करने की योजना!

देश में अनुसंधान एवं शोध के प्रति युवाओं की घटती रूचि के बीच सरकार ने पीएचडी करने वाले स्नातकों की वर्तमान संख्या को प्रति वर्ष।,000 से बढ़ाकर 2025 तक प्रति वर्ष 10 हजार करने की योजना बनाई है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने दक्ष एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षकों की कमी के विषय पर विचार करने के लिए काकोदकर समिति का गठन किया था। समिति ने कहा है कि पीएचडी करने वाले स्नातकों की संख्या को 2025 तक बढ़ाकर प्रति वर्ष 10 हजार किया जाना चाहिए।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि देश में शोध क्षमता बढ़ाने के संदर्भ मेंं दी गई इन सिफारिशों पर अमल करने की दिशा में काम किया जा रहा है। उच्च शिक्षा विभाग के आंकड़ों में कहा गया है कि 2002-03 में भारत में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से जुड़े पीएचडी धारकों की संख्या 62,867 थी। साल 2003-04 में देश में स्नातकोत्तर करने वालों की संख्या 17.3 लाख थी हालांकि 2003-04 विज्ञान में स्नातकोत्तर करने वाले छात्रों की संख्या में 2000-01 की तुलना में काफी गिरावट दर्ज की गई है।
2000-01 में विज्ञान में स्नातकोत्तर करने वाले 26.6 प्रतिशत छात्र थे जो 2003-04 में घटकर 11.5 प्रतिशत रह गए।
समिति ने अपनी सिफारिशों में कहा कि किसी भारतीय संस्थान में बीटेक पाठ्यक्रम के तीसरे वर्ष के छात्र को एक आईआईटी में पीएचडी करने का मौका दिया जाए। प्रारंभ में आईआईटी में ऐसे 300 छात्रों को शामिल करने करने और अगले 10 वर्ष में इसे बढ़ाकर 2,500 करने का सुझाव दिया गया है।
ïसमिति ने इसके साथ ही उद्योगों में काम करने वाले पेशेवरों के लिए कार्यकारी एमटेक कोर्स शुरू करने का प्रस्ताव किया है। उद्योग और इंजीनियरिंग कालेजों को दूरस्थ शिक्षा के जरिए एमई पाठ्यक्रम शुरू करने की दिशा में मिलकर काम करने का सुझाव दिया गया है।

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