मिडिल हेड की प्रमोशन के लिए स्नातक में 50 प्रतिशत अंक की अनिवार्यता के नए नियम का विरोध शुरू हो गया है। अध्यापकों का मानना है कि प्रदेश में प्रमोशन को लेकर पहली बार लागू किए गए शिक्षा विभाग के इस नियम से अनेक शिक्षक हेडमास्टर बनने से वंचित रह जाएंगे। हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ संबंधित हरियाणा कर्मचारी महासंघ ने नए नियम की कड़ी आलोचना की है।
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश पहलवान, महासचिव दिलबाग सिंह अहलावत, मुख्य प्रवक्ता जयवीर नाफरिया ने चेतावनी दी है कि मिडिल हेड पदोन्नति मामले में शिक्षा विभाग द्वारा लगाई गई शर्तें वापस नहीं ली गई तो अध्यापक संघ आंदोलन के लिए बाध्य होगा।
इस मामले में 27 व 28 जून को शेखपुरा हांसी में प्रदेश स्तरीय बैठक भी बुलाई गई है। उन्होंने कहा कि विभाग शर्तें हटाकर जल्द से जल्द पदोन्नति सूची जारी करे। उन्होंने नई भरती के मामले में भी लगाई गई नई शर्तें हटाने की मांग की है।
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, मौलिक शिक्षा निदेशालय ने जून माह के प्रथम सप्ताह में मिडिल हेड के लिए 5548 प्रमोशन के मामले मांगे थे।
इनमें अनुसूचित जाति के शिक्षकों के प्रमोशन के लिए ऐसे शिक्षकों की सूची मांगी गई जिनकी पांच साल नियमित सर्विस में हो चुकी है। प्रमोशन के लिए पहली बार स्नातक में 50 प्रतिशत अंक होने की कंडीशन लगा दी गई। इससे पहले हेडमास्टर प्रमोट होने के लिए बीए बीएड होना ही काफी था।
नई कंडीशन से अध्यापक हैरत में हैं तथा इसके खिलाफ लामबंद हो रहे हैं।
हेडमास्टर प्रमोट होने को अब चाहिए स्नातक में 50 प्रतिशत अंक
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