आइआइटी, कानपुर में बुधवार को प्रवेश समिति की बैठक में तय हुआ कि 2013 में प्रवेश परीक्षा जेईई 2012 के पैटर्न पर ही होगी। इसमें अन्य संस्थानों के निदेशकों को पत्र भेजने का प्रस्ताव भी पारित हुआ। वहीं, आइआइटी व केंद्रीय सहायता प्राप्त इंजीनियरिंग संस्थानों में एकल परीक्षा का विरोध कर रहे ऑल इंडिया आइआइटी फैकल्टी फेडरेशन के प्रतिनिधि शुक्रवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात करेंगे। एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। फेडरेशन के लोग गुरुवार को प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों से मुलाकात करेंगे, जबकि शुक्रवार को प्रधानमंत्री से। फेडरेशन ने उम्मीद जताई है कि मुलाकात में कोई सार्थक परिणाम बाहर निकल कर आएगा। मालूम हो कि हाल ही में आइआइटी कानपुर की सीनेट में संस्थान की 2013 की प्रवेश परीक्षा स्वयं कराने का निर्णय लिया गया था। इसके लिए नौ सदस्यीय कमेटी भी गठित कर दी थी। इसी कड़ी में बुधवार को प्रवेश परीक्षा समिति के चेयरमैन प्रो. नीरज मिश्र की अध्यक्षता में बैठक हुई। उन्होंने बताया कि 2013 में होने वाली प्रवेश परीक्षा का प्रारूप तय हो गया है। यह जेईई 2012 के पैटर्न पर ही होगी। दो पालियों में होने वाली परीक्षा में दो प्रश्नपत्र होंगे। प्रवेश परीक्षा में शामिल होने की अर्हता के लिए सामान्य एवं ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों के बोर्ड परीक्षा में 60 फीसद अंक होने चाहिए। एससी, एसटी व विकलांग अभ्यर्थियों के लिए बोर्ड परीक्षा में 55 फीसद अंक का मानक है। बैठक में यह प्रस्ताव पारित हुआ कि दूसरे संस्थानों के निदेशक को भी पत्र लिखकर परीक्षा प्रक्रिया की जानकारी दी जाए।
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