आल हरियाणा पावर कारपोरेशन वर्कर यूनियन ने हरियाणा बिजली वितरण एवं प्रसारण निगमाें के ठेकेदाराें द्वारा अनुबंध आधार पर रखे कर्मचारियाें के वेतनमानाें में बढ़ोतरी के फार्मूले पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने फार्मूले पर नाराजगी व्यक्त करते हुए इसमें संशोधन करने की मांग की है। यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष देवेंद्र हुड्डा एवं महासचिव सुभाष लांबा ने कहा कि सरकार स्पष्ट निर्देश जारी करे कि यदि कोई कर्मचारी, घोषणा से पहले ही अधिक वेतन ले रहा है तो उसका वेतन कम नहीं किया जाएगा। लांबा ने कि सोमवार को यूनियन का प्रतिनिधिमंडल निगम प्रबंधकाें से इस मामले में मुलाकात करेगा।
उन्होंने कहा कि अनुबंध कर्मचारियाें के वेतनमानाें को बिजली मंत्री ने जो मंजूरी दी है, उसमें आंखाें में धूल झोंकने का कार्य किया है। फार्मूले के अनुसार निगम के खाते से जमा होने वाली ईपीएफ की 13.61 प्रतिशत की राशि भी कर्मचारी के वेतन से ही वसूल की जाएगी। ये ईपीएफ एक्ट के विरुद्ध ही नहीं बल्कि कर्मचारी के हिताें पर भी कुठाराघात करती है। इसी प्रकार ईएसआई की 4.75 प्रतिशत राशि भी कर्मचारी के वेतन से काटी जाएगी। यूनियन नेताओं ने बताया कि भिवानी, जींद, सिरसा, मेवात सहित कई जिलाें में अनुबंध कर्मचारी नए वेतनमानाें से पहले ही ज्यादा वेतन ले रहे हैं। इनको नए घोषित वेतनमानाें में 2-2 हजार रुपए तक का नुकसान उठाना पड़ेगा।
यूनियन के महासचिव सुभाष लांबा ने बताया कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक में स्पष्ट कहा गया है कि किसी भी ठेका कर्मचारी के वेतन को कम नहीं किया जाएगा। सरकार को इस पूरे मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि सोमवार को यूनियन का प्रतिनिधिमंडल निगम प्रबंधकाें से इस मामले में मुलाकात करेगा।
>अनुबंध बिजली कर्मचारियों के वेतन में की है बढ़ोतरी
>सरकार से स्पष्ट निर्देश जारी करने की मांग की कि यदि कोई कर्मचारी, घोषणा से पहले ही अधिक वेतन ले रहा है तो उसका वेतन कम नहीं किया जाएगा
>ईपीएफ की 13.61 प्रतिशत की राशि भी कर्मचारी के वेतन से ही वसूल की जाएगी जो गलत है
>ईएसआई की 4.75 प्रतिशत राशि भी कर्मचारी के वेतन से काटना ठीक नहीं
>नए घोषित वेतनमानाें में कई कर्मचारियों को 2-2 हजार रुपए तक का नुकसान
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