आप बूथ पर गए बिना अपना वोट डाल सकेंगे। बिहार राज्य निर्वाचन आयोग इसी से जुड़ी तैयारी में जुटा है। आयोग की इस नई योजना का नाम है-ई-वोटिंग। आयोग दानापुर नगर परिषद के वार्ड संख्या 40 में होने वाले उपचुनाव में इसका प्रयोग करना चाहता है। हालांकि मतदान की तारीख अभी तय नहीं हुई है। इसके तहत व्यवस्था यह हो रही है कि लोग घर बैठे ही मोबाइल या इंटरनेट के माध्यम से मतदान कर सकें या फिर ई-वोटर कार्ड को स्वैप कर वोट डाल सकें। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड या दूसरे सार्वजनिक स्थान पर इस तरह की मशीनें सिर्फ इसी मकसद से लगी होंगी। ई-वोटिंग की इस मशीन का नाम ई-कियोस्क दिया गया है। इसमें वजन करने वाली मशीन की भांति सिक्का डालकर कोई व्यक्ति अपने एवं परिवार के सदस्यों के बूथ, वार्ड आदि की जानकारी ले सकेगा।
राज्य निर्वाचन आयुक्त एचसी सिरोही के अनुसार इसे मतदान के एक विकल्प के रूप में विकसित करने पर विचार किया गया है। इस सिस्टम से वोट डालने वाले मतदाता दूसरे माध्यम से मतदान नहीं कर सकेंगे। गुजरात व महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग की प्रेरणा के स्रोत हैं। आयोग के अनुसार गुजरात नगरपालिका में 2010 और 2011 में ई-वोटिंग के माध्यम से मतदान कराया गया। मुंबई महानगरपालिका के चुनाव में स्मार्ट वोटिंग के रूप में इसे लागू करने पर काम चल रहा है। गुजरात और महाराष्ट्र के अनुभव को देख राज्य निर्वाचन आयोग बिहार ई-वोटर कार्ड भी बनाना चाहता है। इसमें इलेक्ट्रानिक चिप लगी होगी, जिसमें मतदाता के अंगूठे का निशान भी रहेगा।
राज्य निर्वाचन आयुक्त एचसी सिरोही के अनुसार इसे मतदान के एक विकल्प के रूप में विकसित करने पर विचार किया गया है। इस सिस्टम से वोट डालने वाले मतदाता दूसरे माध्यम से मतदान नहीं कर सकेंगे। गुजरात व महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग की प्रेरणा के स्रोत हैं। आयोग के अनुसार गुजरात नगरपालिका में 2010 और 2011 में ई-वोटिंग के माध्यम से मतदान कराया गया। मुंबई महानगरपालिका के चुनाव में स्मार्ट वोटिंग के रूप में इसे लागू करने पर काम चल रहा है। गुजरात और महाराष्ट्र के अनुभव को देख राज्य निर्वाचन आयोग बिहार ई-वोटर कार्ड भी बनाना चाहता है। इसमें इलेक्ट्रानिक चिप लगी होगी, जिसमें मतदाता के अंगूठे का निशान भी रहेगा।