पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा में नियमाें के विपरीत चल रहे सेल्फ फाइनांस बीएड कालेजाें के मामले में हरियाणा सरकार, सिरसा स्थित चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, रोहतक स्थित एमडी यूनिवर्सिटी, एनसीटीई, एसोसिएशन ऑफ एजूकेशन कालेज (सेल्फ फाइनांस) को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि कुकरमुत्ते की तरह खुल रहे अधिकांश कालेज एनसीटीई के नियमाें को ही पूरा नहीं करते। हाईकोर्ट ने मामले की आगामी सुनवाई 22 अगस्त के लिए निर्धारित की गई है।
हाईकोर्ट में दायर याचिका के अनुसार हरियाणा में 2004 के बाद से हरियाणा में बीएड कालेजाें में बाढ़ आ गई है। सरकार ने इन कालेजाें को खोलने के लिए शर्त रखी थी कि एनसीटीई के नियमों को ध्यान में रखकर यह संस्थान भविष्य के लिए अच्छे टीचर तैयार करेंगे। याचिका में आरोप लगाया गया है कि इसके विपरीत यह संस्थान मनमर्जी करने लगे और कुछ ही सालों में शिक्षा के नाम पर दुकानदारी शुरू कर दी। याचिका में आगे कहा गया है कि अभी तक राज्य में चल रहे 456 बीएड कालेजों में से केवल दो ही कालेजों ने स्थायी मान्यता के लिए आवेदन कर रखा है। याचिका में कहा गया है कि ज्यादातर कालेजाें के पास आधारभूत ढांचा ही नहीं है।
साथ ही, विश्वविद्यालयाें के पास इन संस्थानाें में कार्यरत अध्यापकाें और शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों की जानकारी ही नहीं है। याचिका में कहा गया है कि हरियाणा सरकार के आदेश के बाद भी बीएड कालेज विश्वविद्यालयों से मान्यता नहीं ले रहे हैं। याचिका में आरोप लगाया गया है कि नियमाें और मापदंडाें पर खरा न उतरने के बावजूद इन संस्थानों के संचालकाें की ऊंची पहुंच के कारण कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
>याचिका में आरोप एनसीटीई के नियम पूरा नहीं करते कालेज
>456 बीएड कालेजों में से दो ने किया मान्यता के लिए आवेदन