Sunday, June 10, 2012

पात्र अध्यापक अब बन गए अपात्र

 हरियाणा स्कूल शिक्षक चयन बोर्ड द्वारा निकाली गई शिक्षकों की भर्ती में निर्धारित मापदंडों से काफी संख्या में पात्र अध्यापक आवेदन करने से ही वंचित रह जाएंगे। जबकि पात्रता परीक्षा में बैठने पर इस तरह के कोई मापदंड निर्धारित नहीं किए गए थे और डिप्लोमा कर चुके लोगों ने पात्रता परीक्षा भी पास कर ली। पात्रता परीक्षा पास करने वाले पात्र अध्यापकों में शिक्षकों की भर्ती को लेकर खुशी की लहर थी लेकिन शिक्षकों के हजारों पद का जैसे ही विज्ञापन जारी हुआ तो पात्र अध्यापकों के अरमानों पर पानी फिर गया। विज्ञापन के अनुसार पात्रता परीक्षा पास कर चुके अभ्यर्थी के लिए डिप्लोमा से पहले की दो परीक्षा 50 प्रतिशत व एक परीक्षा 45 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण का मापदंड दिया गया है। इस मापदंड पर खरे नहीं उतरने वालों ने भी बीएड और एमए करने के बाद पात्रता परीक्षा पास की है। इसी का उदाहरण बरनाला रोड निवासी मंजू रानी है। मंजू ने 1994 में 57 प्रतिशत अंकों के साथ दसवीं पास की थी और 1996 में बारहवीं कक्षा में 39 प्रतिशत अंक हैं। 55 प्रतिशत अंकों के साथ बीए उत्तीर्ण करने के बाद मंजू ने 51.70 प्रतिशत अंक लेकर हिंदी में एमए की। इसी के आधार पर मंजू ने एचटेट की परीक्षा भी 62 प्रतिशत अंकों के साथ पास की है। अब मंजू को 12वीं कक्षा में 45 प्रतिशत अंक न होने पर हिंदी शिक्षक के लिए आवेदन करने के लिए पात्र नहीं माना जा रहा है। मंजू का कहना है कि पात्रता परीक्षा के समय यह शर्त निर्धारित होनी चाहिए थी। क्योंकि पात्रता परीक्षा का मतलब ही यह है कि वह उम्मीदवार शिक्षक पद के लिए आवेदन करने के लिए पात्र हो गया है। इन दोहरे मापदंडों के चलते तो पात्र ही अपात्र हो गए हैं। अब मैं 16 वर्ष पहले पास की गई बारहवीं की परीक्षा को दोबारा कैसे उत्तीर्ण करूं। ऐसा पता नहीं प्रदेश में कितने ही ओर पात्रता परीक्षा पास कर चुके पात्र अध्यापक होंगे जो शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन करने में अपात्र हैं। सोमवार को बनाएंगे रणनीति शिक्षक पात्रता परीक्षा पास उम्मीदवारों के लिए आवेदन करने में नए निर्धारित मापदंड से खफा पात्र अध्यापक सोमवार को बैठक करेंगे। पात्र अध्यापक संघ के जिला प्रधान नानक चंद ने बताया कि एक तरफ तो सरकार चार वर्ष का अनुभव रखने वाले अध्यापकों को पात्रता में छूट दे रही है वहीं दूसरी तरफ पात्रता पास शिक्षकों पर डिप्लोमा से पूर्व की परीक्षाओं में 50 प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता कर रही है। ऐसे में बहुत से शिक्षक आवेदन ही नहीं कर पाएंगे। डिप्लोमा या डिग्री के बाद पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने के बावजूद एक और बाधा डाल दी गई है। परीक्षाओं में अंकों का लाभ तो साक्षात्कार में होता है। इन सब मुद्दों को लेकर संघ सोमवार को सुबह नौ बजे टाउन पार्क में बैठक करने जा रहा है।