Tuesday, June 12, 2012

फिर अनशन की तैयारी में पात्र अध्यापक पीजीटी भरती में अंकों की शर्त का किया विरोध


हरियाणा स्कूल शिक्षक चयन बोर्ड द्वारा घोषित पीजीटी स्कूल लैक्चरर भरती की निम्न परीक्षाओं में अंको की विशेष शर्त लागू करने के खिलाफ मंगलवार को मधुबन पार्क में पात्र अध्यापक संघ ने आपातकालीन बैठक बुलाई है। बैठक में जिले भर से पात्र अध्यापक भाग लेंगे। बैठक को संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र शर्मा व महिला विंग की प्रदेशाध्यक्ष अर्चना सुहासिनी संबोधित करेंगे।
प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि हरियाणा स्कूल शिक्षक चयन बोर्ड द्वारा निकाली गई पीजीटी भर्ती में दसवीं, बारहवीं और बीए में से किन्ही दो कक्षाओं में 50 प्रतिशत अंक व एक कक्षा में 45 प्रतिशत अंकों की शर्त रखी र्गई है, जो सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि पात्रता परीक्षा पास करने वाले पात्र अध्यापकों के समक्ष अंकों की शर्त नहीं रखी जानी चाहिए। यह शर्त लागू करने के बाद पात्र अध्यापकाें के प्रमाण पत्र बेकार हो गए हैं।
हजारों बेरोजगार अध्यापक पात्रता परीक्षा पास करने के बावजूद भी भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने से वंचित रह जाएंगे। उन्हाेंने कहा की दसवीं, बारहवीं और बीए में अंकों की शर्त को वापस लेने की मांग मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल से भी की गई है। राजेन्द्र शर्मा ने ऐलान किया कि यदि प्रदेश सरकार इस शर्त को 16 जून तक वापस नहीं लेगी तो 17 जून से रोहतक में मुख्यमंत्री निवास के समक्ष आमरण अनशन शुरू कर दिया जाएगा।
भरती प्रक्रिया पर उठाए सवाल
बहादुरगढ़। अध्यापकों की भर्ती को लेकर पात्र अध्यापक संघ ने सरकार की नीयत पर सवाल खड़े किए हैं। पात्र अध्यापकों का कहना है कि सरकार बार-बार शिक्षकों की भर्ती पर नीति बदल रही है। पहले तो सरकार ने पात्रता की प्रक्रिया शुरू की और अब उसकी नई नीति से पात्र अध्यापकों के भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं। देवी लाल पार्क में पात्र अध्यापक संघ की बैठक के दौरान ब्लाक प्रधान देवेन्द्र दहिया ने कहा कि सरकार ने प्रवक्ता के जो पद विज्ञापित किए हैं, उनकी 50 व 45 प्रतिशत अंक की शर्त पात्र अध्यापकों के साथ अन्याय है। बैठक में मंजू, बबीता, सोनिया, गीता, राजेश, राकेश, पुरुषोतम, संजय, भावना, अमित, आनंद, शंकर, मोहन लाल, मुकेश, कमल सहरावत, प्रदीप धनखड़, बबलू, पूजा व अंकित समेत काफी संख्या में पात्र अध्यापकों ने सरकार की नीतियों की जमकर आलोचना की।

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