हरियाणा शिक्षक भरती बोर्ड ने पीजीटी (लेक्चरर) के 14 हजार से पदों के लिए जो आवेदन मांगें हैं, उसके लिए लगाई शर्त से हरियाणा के गेस्ट लेक्चररों को ज्यादा लाभ नहीं मिलेगा। नतीजतन गेस्ट टीचरों ने 19 जून को शिक्षा सदन के सामने एक दिन का प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
इस भरती में हरियाणा सरकार ने चार साल के टीचिंग अनुभव वाले टीचरों को टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट से छूट इसलिए दी है ताकि गेस्ट टीचरों को फायदा मिल जाए। अब भरती बोर्ड ने शर्त लगाई है कि पीजीटी के लिए एमए में 50 फीसदी न्यूनतम अंक हों और साथ में बीएड की डिग्री भी होना जरूरी है। इसके अलावा अंडर ग्रेजुएशन, दस जमा दो और दसवीं में से किन्हीं दो में कम से कम 50 फीसदी अंक हों और एक में 45 फीसदी। ये सर्विस रूल्स 11 अप्रैल 2012 को अधिसूचित किए हैं। इससे पहले के रूल्स में प्रावधान था कि लेक्चरर के लिए एमए तो 50 फीसदी अंकों से पास होना जरूरी था, लेकिन अंडर ग्रेजुएशन, दस जमा दो या दसवीं में 50 फीसदी या 45 फीसदी अंकों की शर्त नहीं थी, सिर्फ हिंदी का ज्ञान होना जरूरी था।
गेस्ट टीचर यूनियन के महासचिव राजेंद्र शर्मा शास्त्री ने बताया कि सरकार ने जो टीईटी से छूट दी है, उससे गेस्ट लेक्चररों को लाभ नहीं होगा।
इस समय 2700 गेस्ट लेक्चरर हैं, जिनमें से 1500 के पास बीएड की डिग्री ही नहीं है। शर्मा ने कहा कि क्योंकि पहले वाले रूल्स में लेक्चररशिप के लिए एमए होना जरूरी था, बीएड की शर्त नहीं थी और अंडर ग्रेजुएशन, दस जमा और दसवीं में 50 या 45 फीसदी अंकों की शर्त नहीं थी, इसलिए इस भरती में उन्हें कोई फायदा नहीं होगा।
शर्मा ने कहा कि यूनियन ने 10 जून को आपात बैठक कर फैसला किया है कि गेस्ट टीचरों को एकमुश्त रेगुलर करने की घोषणा राज्य सरकार करे। अन्यथा 19 जून को शिक्षा सदन के सामने एक दिन का प्रदर्शन किया जाएगा।
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