इंस्पायर अवार्ड योजना से अब अधिक स्टूडेंट्स लाभांवित हो सकेंगे। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने नए सत्र से अपनी इस पंचवर्षीय योजना का विस्तार किया है। इसके तहत सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों से लगातार पांच साल तक एक एक स्टूडेंट को चयनित किया जाएगा।
इससे पहले अधिकतम दो स्टूडेंट्स को ही इस योजना का लाभ मिल पाता था। इस संबंध में विभाग ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी करते हुए स्कूलों का ब्यौरा मांगा है। स्कूली विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग हर वर्ष विद्यार्थियों को इंस्पायर अवार्ड देता है। इसमें संबंधित स्टूडेंट्स को पांच हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है, ताकि वह विज्ञान से संबंधित किसी भी एक विषय का चयन करते हुए उसपर अपना शोध कार्य कर सकें। इसके लिए बाकायदा हर वर्ष विज्ञान प्रदर्शनी आयोजित की जाती है।
इसमें छात्रों द्वारा बनाए गए मॉडल्स प्रदर्शित करते हुए वैज्ञानिक सिद्धांतों का आदान प्रदान किया जाता है।
सभी स्कूल होंगे लाभांवित
विभागीय सूत्रों के अनुसार इस योजना में सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राघ्त और मान्यता प्राघ्त स्कूलों को शामिल किया गया है। इससे सीमित क्षेत्र होने के कारण अधिकांश स्कूलों के स्टूडेंट्स इस योजना का लाभ नहीं उठा पाते थे। छात्रों के चयन की जिम्मेदारी संबंधित स्कूल प्राचार्य की होगी। प्राचार्य को हर वर्ष एक एक स्टूडेंट्स का नाम विभाग को उपलब्ध कराना होगा। जिसके बाद चयनित छात्रों को प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराई जाएगी। प्राचार्य को यह सुनिश्चित करना होगा कि छात्र प्रोत्साहन राशि का उपयोग विज्ञान विषय से संबंधित शोध कार्य में करे।
इससे पहले अधिकतम दो स्टूडेंट्स को ही इस योजना का लाभ मिल पाता था। इस संबंध में विभाग ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी करते हुए स्कूलों का ब्यौरा मांगा है। स्कूली विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग हर वर्ष विद्यार्थियों को इंस्पायर अवार्ड देता है। इसमें संबंधित स्टूडेंट्स को पांच हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है, ताकि वह विज्ञान से संबंधित किसी भी एक विषय का चयन करते हुए उसपर अपना शोध कार्य कर सकें। इसके लिए बाकायदा हर वर्ष विज्ञान प्रदर्शनी आयोजित की जाती है।
इसमें छात्रों द्वारा बनाए गए मॉडल्स प्रदर्शित करते हुए वैज्ञानिक सिद्धांतों का आदान प्रदान किया जाता है।
सभी स्कूल होंगे लाभांवित
विभागीय सूत्रों के अनुसार इस योजना में सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राघ्त और मान्यता प्राघ्त स्कूलों को शामिल किया गया है। इससे सीमित क्षेत्र होने के कारण अधिकांश स्कूलों के स्टूडेंट्स इस योजना का लाभ नहीं उठा पाते थे। छात्रों के चयन की जिम्मेदारी संबंधित स्कूल प्राचार्य की होगी। प्राचार्य को हर वर्ष एक एक स्टूडेंट्स का नाम विभाग को उपलब्ध कराना होगा। जिसके बाद चयनित छात्रों को प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराई जाएगी। प्राचार्य को यह सुनिश्चित करना होगा कि छात्र प्रोत्साहन राशि का उपयोग विज्ञान विषय से संबंधित शोध कार्य में करे।
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