Monday, July 9, 2012

शिक्षकों की मनमानी में फंसा सर्वे

शिक्षा विभाग द्वारा ड्राप आउट बच्चों की पहचान के लिए शुरू किया गया हाउस होल्ड सर्वे शिक्षकों की मनमानी में फंस कर रह गया। दो दिन के इस सर्वे में घर घर जाकर जानकारी एकत्र करनी थी। लेकिन शिक्षकों के न पहुंचने के कारण रविवार शाम तक 60 फीसदी कार्य भी पूरा नहीं हो पाया।

स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों और ड्राप आउट बच्चों की पहचान के लिए शिक्षा विभाग ने पहली बार बड़े स्तर पर हाउस होल्ड सर्वे कराने का निर्णय लिया था। विभाग की पूर्व योजना के अनुसार यह सर्वे गर्मी की छुट्टियों के बाद दो दिन के कार्य दिवस के दौरान कराया जाना था। लेकिन गर्मी की अधिकता के चलते विभाग ने स्कूलों में एक सप्ताह की छुट्टियां बढ़ा दी। इस समय का सदुपयोग करने के लिए विभाग ने सर्वे के लिए शुक्रवार और शनिवार का दिन निर्धारित किया गया था। इसलिए सभी अध्यापकों की छुट्टियां रद्द कर दी गई थी।

रविवार शाम तक पूरा नहीं हुआ कार्य

विभागीय सूत्रों के अनुसार सर्वे की यह रिपोर्ट सोमवार तक उच्चाधिकारियों को भेजी जानी है। इसलिए विभाग ने सभी शिक्षकों को सख्त आदेश जारी किए थे कि वे तुरंत ड्यूटी पर पहुंचते हुए अपने अपने क्षेत्र में सर्वे का कार्य पूरा करे। इसके लिए बाकायदा खंड और स्कूल स्तर पर कार्य का विभाजन भी कर दिया गया था।

गांवों में हालत खराब

लेकिन शिक्षकों की कम उपस्थिति के कारण रविवार शाम तक सर्वे का यह कार्य पूरा नहीं हो पाया था। विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों की बजाए ग्रामीण क्षेत्रों के हालात खराब रहे। अधिकांश गांवों में सर्वे का कार्य पूरा होना तो दूर, शुरू ही नहीं हो पाया। इस स्थिति में रविवार शाम तक सर्वे की रिपोर्ट तैयार ही नहीं हो पाई।

लापरवाह शिक्षक पर होगी कार्रवाई

॥ सर्वे के लिए हर शिक्षक की ड्यूटी लगाई गई थी। दो दिन के समय को देखते हुए यह कार्य कोई ज्यादा नहीं था। इसलिए अगर किसी अध्यापक ने सर्वे कार्य में अनियमितता बरती तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। वैसे सर्वे को पूरा कराने के लिए अध्यापकों के साथ साथ डीएड स्टूडेंट्स की सहायता ली जा रही है। इसलिए सोमवार तक यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

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