Monday, April 16, 2012

प्रमाणपत्रों की निकाली शवयात्रा

 शिक्षक भर्ती नियम में किए गए बदलाव के विरोध में रविवार को पात्र अध्यापकों ने प्रमाणपत्र की शव यात्रा निकाली और विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान फव्वारा चौक पर अध्यापकों ने विरोध स्वरूप प्रमाणपत्र की प्रतियां भी जलाई। इससे पूर्व पात्र अध्यापक संघ ने मधुबन पार्क में एक सभा की। इसमें राजनैतिक दल व अन्य संगठन के सदस्यों ने पात्र अध्यापकों की मांग का समर्थन किया। संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने कहा कि प्रदेश में एक लाख से अधिक पात्र अध्यापक परीक्षा पास करके घर बैठे हुए हैं। सरकार उन्हें नौकरी देने की जगह उनसे मजाक कर रही है। आए दिन नियमों में बदलाव कर वह गेस्ट शिक्षकों को बनाए रखती है। इससे स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ नहीं हो पा रहा है।
शिक्षक भर्ती नियम में किए गए बदलाव के विरोध में 1 मई को मजदूर दिवस पर रोहतक स्थित संविधान स्थल पर सामूहिक रूप से आत्मदाह करने कोशिश की जाएगी। पात्र अध्यापक महिला विंग की प्रदेशाध्यक्ष अर्चना सुहासिनी ने कहा कि प्रदेश में वर्तमान समय में करीब एक लाख पात्र अध्यापक नौकरी का इंतजार कर रहे हैं। सरकार का यह कर्तव्य बनता है कि ऐसे पात्र अध्यापकों को उनका हक दे। सरकार अब चार वर्ष के अनुभव वाले शिक्षकों को भी मौका देने की बात कह रही है जिसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस अवसर पर जिला प्रधान पवन चमारखेड़ा, बिजेंद्र लहरिया, नानकचंद, सुनील ढिल्लों, सुनिता लोंबरोड, सुनीता कुंडू सहित अन्य पात्र अध्यापक उपस्थित थे। इस मौके पर हजकां के जिला प्रधान रणधीर पनिहार, हलका प्रधान गुलजार काहलो, हजकां नेता सुशील कौशिक, सुरेंद्र गुर्जर, सुरेश बिश्नोई, सतीश शर्मा, कालू ठेकेदार, धीरज वर्मा, अंगूरी देवी, परशुराम जन सेवा संगठन के संरक्षक योगेंद्र भारद्वाज, सर्वजन समाज पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नंद कि शोर चावला व राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के पूर्व महासचिव प्रदीप लितानी सहित अन्य ने अध्यापकों का समर्थन करने का आश्वासन दिया।

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