हरियाणा राज्य शिक्षक भर्ती बोर्ड द्वारा शुरू की गई टीजीडी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरूआत से ही विवादों में फंसी हुई है। कभी गुड एकेडमिक रिकार्ड की शर्तें रोड़ा बनी तो कभी दूसरे कारणों से इसको लेकर विरोध के स्वर उठे। हालांकि अब सरकार की ओर से भर्ती के लिए बनाए गए नियमों में संशोधन को हरी झंडी दे दी गई है और गुड एकेडमिक की शर्त को भी हटा दिया गया है ङ्क्षकतु इसके फायदे और नुकसान को लेकर अब नई बहस छिड़ गई है।
योग्य उम्मीदवारों का मानना है कि गुड एकेडमिक की शर्त को सरकार ने शर्तों पर ही हटाया है, जिसका लाभ मुख्यतौर पर पात्रता परीक्षा पास शिक्षकों को ही मिलेगा। गेस्ट टीचरों के अलावा चार वर्ष के अनुभव वाले शिक्षकों को इससे कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है। वहीं भर्ती बोर्ड द्वारा लगभग पंद्रह हजार पदों के लिए मांगे गए ऑनलाइन आवेदन के दौरान भी आवेदकों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
हालांकि आज बोर्ड ने ऑनलाइन आवेदन के लिए तय की गई 28 जून की तिथि को बढ़ाकर 9 जुलाई तक कर दिया है ङ्क्षकतु कई उम्मीदवारों का आरोप है कि ऑनलाइन आवेदन के दौरान सिस्टम उनके आवेदन को स्वीकार ही नहीं कर रहा है। उनका कहना है कि सरकार ने संशोधन को मंजूरी दे दी है ङ्क्षकतु बोर्ड ने इसे अभी तक अपडेट नहीं किया है। ऐसे में उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ती है।
उधर, कुछ शिक्षक संगठनों ने यह आरोप भी लगाया है कि गुड एकेडमिक रिकार्ड की शर्त हटने से सरकार को तो राहत मिल गई होगी ङ्क्षकतु बेरोजगार प्रशिक्षित (एमए, बीएड) अध्यापकों के लिए यह किसी आफत से कम नहीं है। हालांकि तमाम विरोधों व प्रतिवेदनों के बाद आखिरकार सरकार बैकफुट पर तो आई ङ्क्षकतु अध्यापक भर्ती होने की लाइन में लगे उम्मीदवारों में से कइयों को इस बदलाव से भी राहत मिलती नहीं दिख रही है।
शिक्षक नेता कृष्ण कुमार निर्माण का भी कहना है कि गुड एकेडमिक रिकार्ड की शर्त भी शर्तों पर हटाई गई है। मसलन, गुड एकेडमिक रिकार्ड की शर्त से केवल उन्हें छूट दी गई है, जो 2008, 2009 व 2011 में स्टैट या अस्टैट पास कर चुके हैं। गजब की बात तो यह है कि उन्हें भी यह छूट इस शर्त पर दी गई है कि मौका एक बार ही मिलेगा। अगर सरकार को ऐसा करना था तो यह नियम पहले भी बनाया जा सकता था ङ्क्षकतु इससे समस्या का हल निकने की बजाय यह और गंभीर हो गई। उनका कहना है कि एक ओर जहां सरकार अनुभव को मान्यता दे रही है लेकिन उनके लिए गुड एकेडमिक रिकार्ड की शर्त नहीं हटा रही है। जिससे बेरोजगारों के साथ स्थिति वैसी की वैसी हो गई और यही हाल गेस्ट टीचर का भी हो गया। अब यह एक अलग बात है कि चार साल के अनुभव को मान्यता देने के फैसले पर केंद्र ने वक्र दृष्टिï कर रखी है, जिसका क्या निर्णय होगा यह तो भविष्य ही बताएगा। उनका कहना है कि यह हाल तो टीचर भर्ती के चौदह हजार विज्ञापन देने से हुआ है जबकि अभी अनुमानत: तीस-चालीस हजार के लगभग अध्यापकों के टीजीडी के व टीआरटी के पदों भर्ती भी की जानी प्रस्तावित है। अगर उनमें भी ऐसे ही शर्तें लगी तो उसका हश्र भी कुछ ऐसा ही होगा। उधर, हरियाणा विद्यालय अध्यापक चयन बोर्ड ने स्नातकोत्तर अध्यापक (पीजीटी) के पदों के लिए आनलॉइन आवेदन जमा करवाने की अंतिम तिथि 9 जुलाई तक बढ़ा दी है। बोर्ड प्रवक्ता ने बताया कि आवेदन शुल्क 10 जुलाई तक जमा होंगे और इस दिन सायं 4 बजे तक शुल्क जमा करवाया जा सकेगा।
योग्य उम्मीदवारों का मानना है कि गुड एकेडमिक की शर्त को सरकार ने शर्तों पर ही हटाया है, जिसका लाभ मुख्यतौर पर पात्रता परीक्षा पास शिक्षकों को ही मिलेगा। गेस्ट टीचरों के अलावा चार वर्ष के अनुभव वाले शिक्षकों को इससे कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है। वहीं भर्ती बोर्ड द्वारा लगभग पंद्रह हजार पदों के लिए मांगे गए ऑनलाइन आवेदन के दौरान भी आवेदकों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
हालांकि आज बोर्ड ने ऑनलाइन आवेदन के लिए तय की गई 28 जून की तिथि को बढ़ाकर 9 जुलाई तक कर दिया है ङ्क्षकतु कई उम्मीदवारों का आरोप है कि ऑनलाइन आवेदन के दौरान सिस्टम उनके आवेदन को स्वीकार ही नहीं कर रहा है। उनका कहना है कि सरकार ने संशोधन को मंजूरी दे दी है ङ्क्षकतु बोर्ड ने इसे अभी तक अपडेट नहीं किया है। ऐसे में उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ती है।
उधर, कुछ शिक्षक संगठनों ने यह आरोप भी लगाया है कि गुड एकेडमिक रिकार्ड की शर्त हटने से सरकार को तो राहत मिल गई होगी ङ्क्षकतु बेरोजगार प्रशिक्षित (एमए, बीएड) अध्यापकों के लिए यह किसी आफत से कम नहीं है। हालांकि तमाम विरोधों व प्रतिवेदनों के बाद आखिरकार सरकार बैकफुट पर तो आई ङ्क्षकतु अध्यापक भर्ती होने की लाइन में लगे उम्मीदवारों में से कइयों को इस बदलाव से भी राहत मिलती नहीं दिख रही है।
शिक्षक नेता कृष्ण कुमार निर्माण का भी कहना है कि गुड एकेडमिक रिकार्ड की शर्त भी शर्तों पर हटाई गई है। मसलन, गुड एकेडमिक रिकार्ड की शर्त से केवल उन्हें छूट दी गई है, जो 2008, 2009 व 2011 में स्टैट या अस्टैट पास कर चुके हैं। गजब की बात तो यह है कि उन्हें भी यह छूट इस शर्त पर दी गई है कि मौका एक बार ही मिलेगा। अगर सरकार को ऐसा करना था तो यह नियम पहले भी बनाया जा सकता था ङ्क्षकतु इससे समस्या का हल निकने की बजाय यह और गंभीर हो गई। उनका कहना है कि एक ओर जहां सरकार अनुभव को मान्यता दे रही है लेकिन उनके लिए गुड एकेडमिक रिकार्ड की शर्त नहीं हटा रही है। जिससे बेरोजगारों के साथ स्थिति वैसी की वैसी हो गई और यही हाल गेस्ट टीचर का भी हो गया। अब यह एक अलग बात है कि चार साल के अनुभव को मान्यता देने के फैसले पर केंद्र ने वक्र दृष्टिï कर रखी है, जिसका क्या निर्णय होगा यह तो भविष्य ही बताएगा। उनका कहना है कि यह हाल तो टीचर भर्ती के चौदह हजार विज्ञापन देने से हुआ है जबकि अभी अनुमानत: तीस-चालीस हजार के लगभग अध्यापकों के टीजीडी के व टीआरटी के पदों भर्ती भी की जानी प्रस्तावित है। अगर उनमें भी ऐसे ही शर्तें लगी तो उसका हश्र भी कुछ ऐसा ही होगा। उधर, हरियाणा विद्यालय अध्यापक चयन बोर्ड ने स्नातकोत्तर अध्यापक (पीजीटी) के पदों के लिए आनलॉइन आवेदन जमा करवाने की अंतिम तिथि 9 जुलाई तक बढ़ा दी है। बोर्ड प्रवक्ता ने बताया कि आवेदन शुल्क 10 जुलाई तक जमा होंगे और इस दिन सायं 4 बजे तक शुल्क जमा करवाया जा सकेगा।
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