हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से 12 पास विद्याार्थियों को दिल्ली विश्वविद्यालय सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों मेें दाखिला लेने के दौरान मार्कशीट नहीं मिल पाने के कारण भारी परेशानी हो रही है, क्योंकि बोर्ड द्वारा अगले हफ्ते प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे। ऐसे में हजारों विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटक कर रह गया है।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की लेट लतीफी के कारण हजारों बच्चे दिल्ली व दूसरे विश्वविद्यालयों में दाखिलों से वंचित रह गए हैं। अभी तक बोर्ड के द्वारा बारहवीं पास विद्यार्थियों के प्रमाणपत्र जारी नहीं किए गए हैं। जिस कारण विद्यार्थी दाखिलों से वंचित हैं क्योंकि इन विश्वविद्यालयों में दाखिलों के लिए बारहवीं का मूल प्रमाणपत्र मांगा जा रहा है जो कि इन बच्चों के पास हैं नहीं। ऐसे में विद्यार्थी खासे परेशान हैं।
गौरतलब है कि हरियाणा बोर्ड की दसवीं व बारहवंी की परीक्षाएं तय समय पर आयोजित की गई थीं। इन परीक्षाओं का परिणाम भी तय समय पर आना था मगर शिक्षकों द्वारा मूल्यांकन प्रक्रिया का बहिष्कार किए जाने के चलते मूल्यांकन कार्य दस से पन्द्रह दिन देरी से शुरू हुआ। इसका खमियाजा अब विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है क्योंकि अभी तक उनके पास प्रमाणपत्र जारी नहीं हुए हैं जिस कारण वे दाखिलों से वंचित हैं।
विद्यार्थियों की मानें तो दिल्ली सरीखे विश्वविद्यालयों में हरियाणा बोर्ड से बारहवीं पास करने वाले विद्यार्थियों को दाखिला इसी वजह से नहीं मिल पा रहा है। डीयू की एक कट आफ लिस्ट जारी हो चुकी है तथा आने वाले दिनों में दूसरी लिस्ट जारी होंगी मगर अभी तक प्रमाणपत्रों का उपलब्ध ना करवाया जाना विद्यार्थियों के लिए परेशानियों का सबब बना हुआ है।
वहीं अगर बोर्ड प्रशासन की बात करें तो बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि बोर्ड के द्वारा परिणाम की घोषणा के साथ ही गजट के साथ प्रोविजनल प्रमाणपत्र जारी कर दिए थे मगर स्कूल प्रबंधन की लापरवाही के कारण वे बच्चों को नहीं दिए गए। इसके अलावा बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट से भी परिणाम को डाउनलोड कर उसे किसी भी बोर्ड अधिकारी से प्रमाणित करवाकर दाखिलों के समय विश्वविद्यालयों में जमा करवाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि डीयू में तो परिणाम की सीडी भी भिजवा दी गई है।
महेन्द्रपाल ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय सहित विभिन्न विश्व विद्यालयों में दाखिला लेने के इन्छुक छात्र छात्राएं पहली कट लिस्ट 26 जून को लगने के चलते परेशान थे। ऐेसे में बोर्ड ने सभी स्कूलों को प्रोविजनल मार्कशीट का खाका भेज दिया है। जहां स्कूल पिं्रसीपल गजट से देखकर प्रोफार्मों में विद्यार्थियों के अंक भरकर मार्कशीट जारी कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि दिल्ली व महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय को 12 वीं बोर्ड परीक्षा परिणाम की सीडी भी भेज दी गई है ताकि छात्र छात्राओं को दाखिला प्रक्रिया में परेशानी से न गुजरना पड़े।
वहीं अगर बोर्ड अधिकारियों की बात करें तो अभी मूल प्रमाणपत्रों के तैयार होने में हफ्ता दस दिन का समय और लगेगा। ऐसे में विद्यार्थियों को और दिक्कतें उठानी पड़ सकती हैं। ये भी बताया जाता है कि विश्वविद्यालयों को जो सी.डी.भेजे जाने की बात कही जा रही है,उसे देखने की कोई जहमत नहीं उठा रहा है। अब कितने दिन और विद्यार्थियों को प्रमाणपत्रों का इंतजार करना पड़ेगा,यह तो बोर्ड प्रशासन ही जानता है मगर इतना जरूर है कि बोर्ड की इस लेटलतीफी का खमियाजा बच्चों को ही भुगतना पड़ रहा है।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की लेट लतीफी के कारण हजारों बच्चे दिल्ली व दूसरे विश्वविद्यालयों में दाखिलों से वंचित रह गए हैं। अभी तक बोर्ड के द्वारा बारहवीं पास विद्यार्थियों के प्रमाणपत्र जारी नहीं किए गए हैं। जिस कारण विद्यार्थी दाखिलों से वंचित हैं क्योंकि इन विश्वविद्यालयों में दाखिलों के लिए बारहवीं का मूल प्रमाणपत्र मांगा जा रहा है जो कि इन बच्चों के पास हैं नहीं। ऐसे में विद्यार्थी खासे परेशान हैं।
गौरतलब है कि हरियाणा बोर्ड की दसवीं व बारहवंी की परीक्षाएं तय समय पर आयोजित की गई थीं। इन परीक्षाओं का परिणाम भी तय समय पर आना था मगर शिक्षकों द्वारा मूल्यांकन प्रक्रिया का बहिष्कार किए जाने के चलते मूल्यांकन कार्य दस से पन्द्रह दिन देरी से शुरू हुआ। इसका खमियाजा अब विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है क्योंकि अभी तक उनके पास प्रमाणपत्र जारी नहीं हुए हैं जिस कारण वे दाखिलों से वंचित हैं।
विद्यार्थियों की मानें तो दिल्ली सरीखे विश्वविद्यालयों में हरियाणा बोर्ड से बारहवीं पास करने वाले विद्यार्थियों को दाखिला इसी वजह से नहीं मिल पा रहा है। डीयू की एक कट आफ लिस्ट जारी हो चुकी है तथा आने वाले दिनों में दूसरी लिस्ट जारी होंगी मगर अभी तक प्रमाणपत्रों का उपलब्ध ना करवाया जाना विद्यार्थियों के लिए परेशानियों का सबब बना हुआ है।
वहीं अगर बोर्ड प्रशासन की बात करें तो बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि बोर्ड के द्वारा परिणाम की घोषणा के साथ ही गजट के साथ प्रोविजनल प्रमाणपत्र जारी कर दिए थे मगर स्कूल प्रबंधन की लापरवाही के कारण वे बच्चों को नहीं दिए गए। इसके अलावा बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट से भी परिणाम को डाउनलोड कर उसे किसी भी बोर्ड अधिकारी से प्रमाणित करवाकर दाखिलों के समय विश्वविद्यालयों में जमा करवाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि डीयू में तो परिणाम की सीडी भी भिजवा दी गई है।
महेन्द्रपाल ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय सहित विभिन्न विश्व विद्यालयों में दाखिला लेने के इन्छुक छात्र छात्राएं पहली कट लिस्ट 26 जून को लगने के चलते परेशान थे। ऐेसे में बोर्ड ने सभी स्कूलों को प्रोविजनल मार्कशीट का खाका भेज दिया है। जहां स्कूल पिं्रसीपल गजट से देखकर प्रोफार्मों में विद्यार्थियों के अंक भरकर मार्कशीट जारी कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि दिल्ली व महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय को 12 वीं बोर्ड परीक्षा परिणाम की सीडी भी भेज दी गई है ताकि छात्र छात्राओं को दाखिला प्रक्रिया में परेशानी से न गुजरना पड़े।
वहीं अगर बोर्ड अधिकारियों की बात करें तो अभी मूल प्रमाणपत्रों के तैयार होने में हफ्ता दस दिन का समय और लगेगा। ऐसे में विद्यार्थियों को और दिक्कतें उठानी पड़ सकती हैं। ये भी बताया जाता है कि विश्वविद्यालयों को जो सी.डी.भेजे जाने की बात कही जा रही है,उसे देखने की कोई जहमत नहीं उठा रहा है। अब कितने दिन और विद्यार्थियों को प्रमाणपत्रों का इंतजार करना पड़ेगा,यह तो बोर्ड प्रशासन ही जानता है मगर इतना जरूर है कि बोर्ड की इस लेटलतीफी का खमियाजा बच्चों को ही भुगतना पड़ रहा है।
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