Sunday, June 24, 2012

कर्मियों को नियमित करने की नीति में बदलाव की मांग

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने चेतावनी दी है कि यदि राज्य सरकार ने नियमितीकरण की नीति को संशोधित कर दो वर्ष की सेवा पूरी कर चुके सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का नहीं किया और वेतन विसंगति दूर नहीं की तो राज्य के कर्मचारी संघर्ष की राह पकड़ लेंगे। संघ ने राज्य के मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कर्मचारियों की मांगों के प्रति अपनाई जा रही बेरुखी पर रोष जताते हुए आरोप लगाया है कि सरकार कर्मचारी वर्ग को संघर्ष का रास्ता अख्ति्यार करने पर मजबूर कर रही है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष धर्मबीर फौगाट, महासचिव सुभाष लांबा व उपमहासचिव जीवन सिंह ने बताया कि 29 जुलाई 2011 को कच्चे कर्मियों का पक्का करने की नीति से किसी कर्मी को लाभ न होने की ओर मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित किए जाने के बाद भी संशोधित नीति जारी नहीं की गई है। कर्मचारी नेताओं के अनुसार मुख्य सचिव द्वारा 5 सितंबर 2011 को जारी आदेश को अधिकतर विभागों के प्रशासनिक सचिवों ने रद्दी की टोकरी में डाला हुआ है। संघ ने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेश की अवहेलना एक गंभीर मामला है। सुभाष लांबा के अनुसार हरियाणा के कर्मचारियों और पड़ोसी राज्य के कर्मचारियों के वेतनमानों व भत्तों में भारी असमानताएं हैं।

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