वर्ष 2008 में नियुक्त प्राथमिक शिक्षकों को चार साल से अपने मूल डिप्लोमा प्रमाणपत्र का इंतजार है। दूसरे प्रदेशों से डीएड करने वाले प्राथमिक शिक्षकों द्वारा शिक्षा निदेशालय में वेरीफिकेशन के लिए प्रमाणपत्र भेजे गए थे। अब उनसे इसकी फीस वसूली जा रही है। वर्ष 2008 में पूरे प्रदेश में लगभग तीन हजार प्राथमिक शिक्षकों (जेबीटी) की नियुक्ति की गई थी। विभाग ने सभी शिक्षकों से उनके मूल प्रमाणपत्र जांच के लिए मांगे थे। मौलिक शिक्षा निदेशालय ने 10वीं और 12वीं कक्षाओं के मूल प्रमाणपत्र चेक करके वापस भेज दिए थे।
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